न्यूज डेस्क
केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन बिल पर विरोध का स्वर उठने लगा है। आज संसद में गृहमंत्री अमित शाह यह बिल पेश करेंगे। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), सीपीएम, एनसीपी और डीएमके समेत कई दूसरे दल इस बिल की खिलाफत कर रहे हैं।
इसी कड़ी में रविवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने कहा कि संसद में नागरिकता (संशोधन) विधेयक का पारित होना निश्चित तौर पर महात्मा गांधी के विचारों पर मोहम्मद अली जिन्ना के विचारों की जीत होगी। थरूर ने कहा कि धर्म के आधार पर नागरिकता देने से भारत ‘पाकिस्तान का हिंदुत्व संस्करण’ भर बनकर रह जाएगा।
पूर्व केंद्रीय मंत्री थरूर ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार ‘एक समुदाय’ को निशाना बना रही है और दूसरे धर्मों की तुलना में उस समुदाय के लोगों की उन्हीं स्थितियों में उत्पीडऩ पर उन्हें शरण नहीं दे रही है।
एक साक्षात्कार में शशि थरूर ने कहा कि अगर यह विधेयक संसद के दोनों सदनों में पारित किया भी जाता है तो उन्हें विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट की कोई भी पीठ भारत के संविधान की मूल भावना का ‘घोर उल्लंघन’ नहीं होने देगी।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘यह सरकार का शर्मनाक काम है जिसने पिछले वर्ष राष्ट्रीय शरणार्थी नीति बनाने पर चर्चा करने से इंकार कर दिया, जिसे मैंने निजी सदस्य विधेयक के तौर पर प्रस्तावित किया था और तत्कालीन गृह मंत्री, गृह राज्यमंत्री और गृह सचिव के साथ निजी तौर पर साझा किया था।’
थरूर ने केन्द्र सरकार पर आरोप लगाया कि अचानक उन्होंने शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए आगे बढ़कर काम किया है, जबकि वास्तव में वे मूलभूत कदम भी नहीं उठाना चाहते जो अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत शरणार्थी दर्जा तय करने में सुधार या शरणार्थियों से अच्छा व्यवहार सुनिश्चत करने के लिए आवश्यक है।
थरूर ने कहा, ‘इससे स्पष्ट होता है कि यह महज कुटिल राजनीतिक चाल है ताकि भारत में एक समुदाय को निशाना बनाया जा सके। इससे हम पाकिस्तान का हिंदुत्व संस्करण भर रह जाएंगे।’
सोमवार को इस बिल पर लोकसभा में बहस होना है। सरकार इसको पास कराने में लगी है। लोकसभा में सरकार का बहुमत है, इससे सरकार के लिए ज्यादा मुश्किल नहीं होगी।
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