जुबिली न्यूज़ डेस्क।
हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी हत्या मामले में गुजरात पुलिस के आतंक रोधी दस्ते द्वारा राजस्थान के साथ लगी राज्य की सीमा के पास एक स्थान से दो कथित हत्यारे अशफाक हुसैन और मोइनुद्दीन पठान की गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर जोमैटो ट्रोल किया जा रहा है।
इंटरनेट यूजरों ने हिन्दू समाज पार्टी के नेता की हत्या के मामले में जोमैटो के एक कर्मचारी की भूमिका को लेकर उस पर सवाल उठाए हैं।
एक यूजर ने लिखा कि, भोजन का कोई धर्म नहीं है ? डिलीवरी बॉय के पास है !
Food has no religion? Delivery boy has!#ZomatoExposed #Zomato pic.twitter.com/bESYlcJn4B
— Anand Kumar (@anandydr) October 24, 2019
ट्विटर पर जोमैटो की जुलाई की घटना को कमलेश तिवारी हत्या मामले में गिरफ्तार पठान से जोड़ा गया। एक यूजर ने लिखा, हत्या का कारण धार्मिक नफरत था। कुछ दिन पहले आपने एक ऑर्डर रद्द कर दिया था क्योंकि खाना मंगाने वाला हिन्दू लड़के से आपूर्ति चाहता था। क्या आप सुनिश्चित करेंगे कि आपके ग्राहक सुरक्षित हैं? एक अन्य यूजर ने गिरफ्तारी मामले से जोड़कर कंपनी की खिचाई करते हुए कहा कि ‘यही कारण है कि जोमैटो, स्विगी आदि पर भरोसा नहीं कर सकते।’
प्रतिक्रिया के लिए पूछे जाने पर जोमैटो के एक प्रवक्ता ने कहा कि एक स्वतंत्र एजेंसी द्वारा पठान का आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड और अतीत के रिकार्ड सहित ‘पृष्ठभूमि’ की जांच के बाद उसे सूरत में नौकरी पर रखा गया था। उसने आखिरी बार छह अक्टूबर को खाने की आपूर्ति की थी। इसके बाद वह खुद अपनी मर्जी से हमारे प्लेटफॉर्म पर काम से हट गया था।
उन्होंने कहा कि जोमैटो कानून का पालन करने वाली और जिम्मेदार कंपनी है। हम संबंधित प्राधिकारों को पूरी मदद देते हैं और छानबीन में पूरी मदद करेंगे। जोमैटो ने कहा कि कानून तोड़ने वाले किसी के भी प्रति उसकी कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति है। हम चाहेंगे कि कानून के तहत जल्द से जल्द दोषी को सजा मिले।
बता दें कि कमलेश तिवारी हत्या मामले में अपने एक डिलिवरी ब्वाय की गिरफ्तारी के बाद ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो ने बुधवार को कहा कि कानून तोड़ने वाले किसी के लिए भी उसकी कंपनी में कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति है और दोषी के खिलाफ तेजी से कार्रवाई होनी चाहिए।
कुछ महीने पहले भी जोमैटो तब चर्चा में आया था एक जब एक ग्राहक ने जोमैटो के डिलिवरी ब्वाय से सिर्फ इसलिए खाना नहीं लिया क्योंकि वह मुस्लिम था। इस पर जोमैटो ने खाना लेने से इनकार करने वाले ग्राहक को करारा जवाब दिया था।
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