जुबिली स्पेशल डेस्क
सिक्सर किंग के नाम से भी मशहूर रहे युवराज सिंह ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया है कि उन्हें धोनी ने पहले ही बता दिया था कि 2019 विश्व कप की टीम में उनका चयन नहीं होने वाला है। युवी के अनुसार माही ने उनसे कहा था कि चयनकर्ता उनके नाम पर विचार ही नहीं करने वाले। युवराज ने यह बात एक इंटरव्यू में कही थी। हालांकि एक दौर ऐसा था जब युवराज टीम इंडिया का अहम हिस्सा हुआ करते थे।
2011 विश्व कप में मैन ऑफ द सीरीज रहने वाले युवराज सिंह को जब पता चल गया था कि उनकी टीम में अब वापसी नहीं होने वाली है तो उन्होंने क्रिकेट से किनारा कर लिया था। युवी ने भारत के लिए 40 टेस्ट, 304 वनडे और 58 टी-20 इंटरनेशनल मैचों में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया। सौरभ गांगुली की टीम में युवी और कैफ एक मैच विनर के रूप में जाने जाते थे। दोनों ही खिलाडिय़ों का क्षेत्ररक्षण बेहद शानदार रहा है। हालांकि कैफ ज्यादा दिन तक भारत को नहीं खेल सके लेकिन युवराज ने लम्बे समय तक भारत के लिए खेला है।
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युवराज सिंह एक इंटरव्यू खुलासा करते हुए बताया की जब मैंने वापसी की तो विराट कोहली ने मेरा समर्थन किया। अगर उन्होंने मेरा तब समर्थन नहीं दिया होता तो मैं वापसी नहीं कर पाता, लेकिन वो धौनी थे जिन्होंने 2019 विश्व कप को लेकर मुझे सही तस्वीर दिखाई कि अब चयनकर्ता तुम्हारे बारे में विचार नहीं कर रहे हैं। उन्होंने सही तस्वीर दिखाई और बिल्कुल साफ कर दिया कि उन्होंने सबकुछ किया जो वह कर सकते थे।
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युवराज को तब समझ आ गया था कि उनका दौर अब खत्म हो गया है और उनकी टीम में वापसी भी नहीं होगी। इस वजह से युवराज सिंह ने क्रिकेट को छोडऩे का फैसला किया। इस दौरान युवराज सिंह का बल्ला भी खामोशी की चादर ओढ़ा रहा।
विश्व कप की टीम में उनकी जगह बनती तब नहीं दिख रही थी क्योंकि उनके आलावा भी कई खिलाड़ी जोरदार प्रदर्शन कर रहे थे। केएल राहुल व केदार जादव जैसे क्रिकेटर भी टीम में अपनी दावेदारी पेश कर रहे थे। इतना ही नहीं रणजी ट्रॉफी में शतक लगाने के बावजूद विश्व कप की टीम में उनके नाम पर विचार तक नहीं किया गया था।
युवराज ने कहा कि माही को लेकर उन्हें कभी कोई शिकायत नहीं है। उन्होंने बताया कि साल 2011 विश्व कप में बताया गया था कि वो टीम इंडिया के मुख्य खिलाड़ी है लेकिन इसके बाद सबकुछ बदल चुका था। युवराज जब कैंसर को हराने के बाद टीम में वापसी की तब पूरी भारतीय टीम बदल चुकी थी।
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इसी वजह से जहां तक 2015 विश्व कप का सवाल है तो आप किसी चीज पर बात नहीं कर सकते इसलिए यह अपने आप से फैसला लेने की बात हो गई थी। मुझे समझ आया कि एक कप्तान के तौर पर कभी कभी आप सारी चीजों का जवाब नहीं दे पाते हैं क्योंकि आखिर में आपको अपने देश का प्रदर्शन पर ध्यान देना होता है।
युवी ने 2007 में इंग्लैंड के खिलाफ केवल 12 बॉल पर 50 रन ठोक दिए थे। उनकी इस पारी में छह छक्के और तीन चौके शामिल थे। युवी के इस रिकॉर्ड के करीब तो बहुत से खिलाड़ी पहुंचे हैं, लेकिन यह रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाए।
गौरतलब है कि 37 वर्षीय युवराज सिंह ने भारत के लिए अपना आखिरी वनडे मैच 30 जून 2017 को वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था। युवी ने अपना आखिरी टी-20 मैच 1 फरवरी 2017 को इंग्लैंड के खिलाफ खेला। जबकि आखिरी टेस्ट मैच दिसंबर 2012 में इंग्लैंड के ही खिलाफ खेला था।