जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. कोरोना की संभावित तीसरी लहर बच्चो के लिए सबसे खतरनाक होने की बात सामने आने के बाद से माँ-बाप पहले से ही परेशान हैं लेकिन अब उनके सामने एक और समस्या सर उठाकर खड़ी हो गई है.कोरोना महामारी के दौर में स्कूल बंद हैं और बच्चे मोबाइल के भरोसे अपनी पढ़ाई में लगे हैं. लगातार मोबाइल इस्तेमाल करने से मोबाइल से निकलने वाली नीली रोशनी आँखों को बहुत बुरी तरह से प्रभावित कर रही है. बच्चो की आँखों में मायोपिया नाम की बीमारी पैदा हो रही है.
मायोपिया एक ऐसी बीमारी है जिसकी वजह से पास की नज़र कमज़ोर हो जाती है और बहुत पास की चीज़ें देखना भी मुश्किल हो जाता है.आँखों के डॉक्टरों का कहना है कि माँ-बाप ने अगर समय रहते बच्चो की आँखों की तरफ ध्यान नहीं दिया तो बच्चो की नज़रों को बचा पाना मुश्किल हो जायेगा. आँखों के डॉक्टरों का कहना है कि मायोपिया कोरोना से भी ज्यादा घातक है. उनका कहना है कि मोबाइल और आईपैड पर बहुत लम्बे समय तक काम करने से इस तरह की दिक्कत पैदा हो सकती है.
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डॉक्टरों का कहना है कि मायोपिया से बेहद पास का दिखना कम हो जाता है. आँखों में खून भी उतर आता है.आँखों की रौशनी हमेशा के लिए भी जा सकती है. माँ-बाप को यह ध्यान देने की ज़रूरत है कि अगर बच्चे की आँख में सूखापन है. आँखों में खून झलक रहा है. आँखों में दर्द की शिकायत है. आँखों से धुंधला नज़र आ रहा है. नींद आने में मुश्किल हो रही है. तो सावधान हो जाएं. मायोपिया की शुरुआत हो सकती है. बच्चे को फ़ौरन मोबाइल से दूर करें और आँखों के डॉक्टर से फ़ौरन सलाह लें.