जुबिली स्पेशल डेस्क
इतिहास के पन्नों में श्रवण कुमार बड़ा नाम है। दरअसल श्रवण कुमार की कहानी आज भी सुर्खियों में है। इस कहानी में बताया गया है कि कैसे श्रवण कुमार जो अपने अंधे माता-पिता की श्रद्धापूर्वक सेवा की थी।
इतना ही नहीं अपने मां-बाप को तीर्थयात्रा करायी थी वो श्रवण कुमार ने कांवर बनाई और अपने माता-पिता को तीर्थ यात्रा पर ले गए। यह तो श्रवण कुमार की कहानी थी जिसका उल्लेख रामायण के अयोध्याकांड में है।
मौजूदा समय में शायद ही कोई ऐसा बेटा हो जो श्रवण कुमार की तरह अपने मां-पिता का ऐसा ख्याल रख सके। हालांकि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एक ऐसे बुजुर्ग माता-पिता को लेकर बड़ा कदम उठाने जा रही है।
जानकारी के मुताबिक योगी सरकार में बुजुर्ग माता-पिता की सेवा नहीं करने पर प्रॉपर्टी से बेदखल करने वाला नया कानून लाने जा रही है।
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सरकार से मिली जानकारी के अनुसार सरकार माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण एवं कल्याण नियमावली में संशोधन करने की तैयारी में है। इसके साथ ही नई नियमावली प्रस्ताव भी सरकार के पास जा पहुंचा है।
माना जा रहा है कि नियमावली संशोधन को अगली कैबिनेट में मंजूरी भी मिल सकती है। उत्तर प्रदेश स्टेट लॉ कमीशन ने शासन को संशोधन का ड्राफ्ट तैयार कर पिछले दिनों ही इसकी रिपोर्ट भेजी है।
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हालांकि सरकार अभी इसके बारे में कोई और ठोस जानकारी नहीं दे रही है लेकिन सरकार से जुड़े लोग कह रहे हैं कि माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण एवं कल्याण नियमावली में संशोधन करने की तैयारी है। बता दें कि 2014 में यह नियमावली बनी थी लेकिन अब इसमें बदलाव किया जा सकता है।
2014 में आई थी नियमावली
यह नियमावली साल 2014 में बनाई गई थी। इस नियमावली में वृद्ध माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों की संपत्ति के संरक्षण के लिए विस्तृत कार्य योजना नहीं बनायी गयी थी।
दरअसल, इस तरह के मामलों में कोर्ट से मिले कई फैसलों के बाद पता चला कि बूढ़े माता-पिता को उनके ही बच्चे उनकी प्रॉपर्टी से निकाल देते हैं, या फिर उनके साथ बुरा व्यवहार किया जाता है।