जुबिली न्यूज डेस्क
दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर में मौसम का मिजाज बदल चुका है। अप्रैल के शुरुआत से ही देश के ज्यादातर राज्यों में भीषण गर्मी का अहसास होने लगा है। इस बार बेंगलुरु में दिल्ली से भी ज्यादा गर्मी पड़ रही है। इस बिगड़े हुए मौसमी घटनाओं के बीच राहत की खबर सामने आई है।
बता दे कि मौसम विभाग ने बताया है कि इस साल अच्छे मॉनसून के संकेत हैं। IMD के मुताबिक बड़े पैमाने पर जलवायु संबंधी घटनाएं दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के लिए अनुकूल हैं, जो बड़े पैमाने पर बारिश पर निर्भर भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है।
‘ला नीना भारतीय मॉनसून के लिए अच्छा’
इस वर्ष अल नीनो फीका पड़ रहा है। जून की शुरुआत तक तटस्थ स्थिति बन सकती है। उन्होंने यह बात मध्य प्रशांत महासागर के गर्म होने का जिक्र करते हुए कही, जिसे दक्षिण पश्चिम मानसून को प्रभावित करने वाले कारकों में से एक माना जाता है।
मौसम विभाग के अनुसार जुलाई-सितंबर में ला नीना की स्थिति देखी जा सकती है, जो मध्य प्रशांत महासागर के ठंडा होने का संकेत है। ला नीना भारतीय मॉनसून के लिए अच्छा है। वहीं मामना जाता है कि अल नीनो अच्छा नहीं है। 60% मामलों में अल नीनो का भारतीय मॉनसून पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है, लेकिन पिछले वर्ष इसका कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा था।
कृषि क्षेत्र को मिलेगी राहत
महापात्र ने कहा, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून से भारत की लगभग 70% वार्षिक वर्षा होती है, जो कृषि क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है। कृषि क्षेत्र GDP का लगभग 14% है और यह 1.4 अरब आबादी में से आधे से अधिक को रोजगार देता है। बता दें कि IMD इस महीने के अंत में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून का पूर्वानुमान जारी करेगा।