जुबिली स्पेशल डेस्क
प्रधानमंत्री मोदी तीन दिन के अमेरिका के दौरे पर है। इस दौरान यूएन मुख्यालय में योग कार्यक्रम में भी भाग ले रहे हैं। यूएन मुख्यालय में योग कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि योग एक विचार था, जिसे आज दुनियाभर ने अपनाया है। संयुक्त राष्ट्र में योग कार्यक्रम पूरा हो गया है।
इस कार्यक्रम की खास बात ये रही कि सबसे ज्यादा राष्ट्रीयता (अलग-अलग देश) के लोग शामिल हुए। इस वजह से कार्यक्रम का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हो गया है। पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में कई योगासन किए। उनमें भद्रासन,ऊष्ट्रासन,उत्तान शिशुनासन,भुजंग आसन,पवन मुक्त आसन,शव आसन शामिल था।
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी दूसरी बार अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे। इस संबोधन का अमेरिकी कांग्रेस के दो सांसदों ने बहिष्कार किया है, जिनमें रशीदा तलीब और इल्हान उमर का नाम शामिल हैं। दोनों सांसदों ने पीएम मोदी पर अल्पसंख्यकों का हनन करने का आरोप लगाते हुए इस संबोधन का बहिष्कार किया है लेकिन अब इसका जवाब भारत के मुस्लिम नेता ने दिया है।
अमेरिकी सांसद इल्हान उमर ने क्या कहा
अमेरिकी सांसद इल्हान उमर ने एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने बताया कि वो प्रधानमंत्री मोदी के भाषण में शामिल नहीं होंगी. उन्होंने लिखा, “प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने धार्मिक अल्पसंख्यकों का दमन किया है, हिंसक हिंदू राष्ट्रवादी संगठनों को गले लगाया है और पत्रकारों/मानवाधिकार की पैरवी करने वालों को निशाना बनाया है। इसीलिए मैं मोदी के भाषण में शामिल नहीं हो रही। ”
I belong from religious Minority Of India but I live freely with my religious freedom and religious identity in Prime Minister Narendra Modi's India, I have equal share in every resource here, I have the freedom to speak whatever I want in India.
I also have the freedom to write… https://t.co/Op2f7W95OS— Atif Rasheed (@AtifRasheed80) June 21, 2023
मुस्लिम नेता ने क्या कहा
इसी ट्वीट पर अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व वाइस चेयरमैन आतिफ रशीद ने अमेरिकी सांसद को जवाब दिया. उन्होंने इल्हान उमर से कहा कि वो जहर उगलना बंद करें. रशीद ने लिखा, “मैं भारत के धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय से हूं, लेकिन मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत में अपनी धार्मिक स्वतंत्रता और धार्मिक पहचान के साथ स्वतंत्र रूप से रहता हूं। यहां के हर संसाधनों में मेरी बराबर की हिस्सेदारी है।
मुझे भारत में जो भी बोलना है बोलने की आजादी है। भारत में मुझे जो लिखना है, लिखने की भी आजादी है। मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि आप अपने नफरत के एजेंडे के तहत मेरे भारत की गलत तस्वीर दिखा रहे हैं. अपने मुंह से जहर उगलना बंद करो। ”