जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस तांडव मचाए हुए है। राज्य में हर दिन कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के पांच शहरों मे लॉकडाउन लगाने का आदेश दिया था, लेकिन राज्य सरकार ने नहीं लगाया।
कोरोना के प्रबंधन को लेकर योगी सरकार पर लगातार सवाल उठ रहा है। विपक्षी दल तो सवाल उठा ही रहे हैं खुद योगी के विधायक भी सवाल उठा रहे हैं।
शुक्रवार को बलिया जिले के बैरिया क्षेत्र के भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने योगी सरकार के काम काज पर सवाल उठाते हुए कहा था कि ”मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नौकरशाही के जरिये कोविड पर नियंत्रण का प्रयोग असफल रहा है।”
सुरेन्द्र सिंह के बाद अब यूपी के हरदोई जिले की सवायजपुर सीट से बीजेपी विधायक माधवेन्द्र प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्य चुनाव आयोग से पत्र लिखकर मांग की है कि दो मई को होने वाली पंचायत चुनाव की मतगणना को कम से कम एक महीने के लिए टाल देना चाहिए।
विधायक का कहना है कि मतगणना न टाला गया तो इसकी वजह से खासकर ग्रामीण इलाकों में मामलों का “सुपर विस्फोट” हो सकता है।
माधवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि चुनाव के दौरान हुई लापरवाही की वजह से बड़ी तादाद में मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि मतगणना के दौरान, जो 36 से 48 घंटे चल सकती है, उस वक्त मतगणना केंद्रों के बाहर हर उम्मीदवार के समर्थक जमा हो जाएंगे।
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द हिंदू से बातचीत में उन्होंने कहा कि, “गांवों के लोग उतने सतर्क नहीं है, जितना उन्हें होना चाहिए। मतगणना को टालने से कुछ राहत मिलेगी। मेरे जिले में स्थिति बहुत ही बुरी है।”
वहीं आरएसएस से जुड़े एक शिक्षा अधिकारी संघ ने भी मतगणना टालने की मांग की है। मोहनलालगंज से बीजेपी सांसद ने पहले मांग की थी महामारी को देखते हुए पंचायत चुनाव टाल देने चाहिए।
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हालांकि राज्य चुनाव आयोग ने संकेत दिया है कि मतगणना तय तारीख पर ही होगी।
वहीं इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हाल में 135 शिक्षकों और चुनावी ड्यूटी के दौरान तैनात अन्य की मौत का संज्ञान लिया। शिक्षक संघ के अनुमान के अनुसार मौतों की संख्या इससे कहीं अधिक करीब 550-1,000 हो सकती है।