जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में भगदड़ मचा हुआ है। अब तक योगी सरकार के 3 मंत्री समेत 15 विधायक बीजेपी छोड़ चुके हैं। इसमें से अधिकांश ओवीसी नेता है।
बीजेपी में मचे भगदड़ के बीच मकर संक्रांति पर उत्तर प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में दलित परिवार के साथ भोजन किया।
योगी ने 40 साल पुराने बीजेपी कार्यकर्ता अमृत लाल के घर पर जमीन पर बैठकर खाना खाया। योगी का जमीन पर बैठकर खाना खाते हुए तस्वीर ऐसे समय पर आई है जब पार्टी से कई पिछड़े नेताओं ने नाता तोड़ लिया है।
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सहभोज के बाद पत्रकारों से बातचीत में योगी आदित्यनाथ ने कहा, ”मैं मकर संक्रांति के मौके पर अपने इस अनुसूचित जाति के कार्यकर्ता अमृत लाल भारती और उनके परिजनों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने मुझे खिचड़ी सहभोज पर अपने घर में आमंत्रित किया।
उन्होंने कहा कि वे यहां सामाजिक मुद्दों पर काम करते रहे हैं। आज उन्होंने खिचड़ी सहभोज के कार्यक्रम के माध्यम से सामाजिक समता का और पीएम मोदी के ‘सबका साथ-सबका विकास’ मंत्र को अंगीकार करते हुए विकास, सुशान और राष्ट्रवाद के अभियान को आगे बढ़ाने के लिए समता भोज किया। बाबा साहबे के उस संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के अभियान के तहत यह कार्यक्रम हुआ है।”
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वैसे यह पहली बार नहीं है जब योगी ने किसी दलित के घर खाना खाया हो, लेकिन चुनाव से ठीक पहले इस आयोजन के सियासी मायने हैं।
भाजपा प्रतीकों की राजनीतिक का महत्व जानती है और इनके जरिए अपने पक्ष में माहौल बनाने में माहिर मानी जाती है। कहा जा रहा है कि भाजपा ने चुनाव से ठीक पहले दलित वोटर्स को लुभाने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया है।
बीजेपी के इस दांव को समाजवादी पार्टी की ओर से ओबीसी वोट में की गई सेंधमारी की काट के तौर पर भी देखा जा रहा है।