जुबिली न्यूज़ डेस्क
हाथरस गैंगरेप केस को दाखिल याचिकाओं पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। उत्तर प्रदेश सरकार ने हलफनामे में बताया कि देर रात पीड़िता का अंतिम संस्कार क्यों किया? सरकार ने कहा, दंगे कराने के लिए जानबूझकर और सुनियोजित प्रयास किए जा रहे हैं। परिवार की सहमति से पीड़िता का अंतिम संस्कार किया गया था।
यूपी सरकार का कहना है कि अयोध्या-बाबरी केस में आए फैसले की संवेदनशीलता और कोरोना के मद्देनजर परिवार की मंजूरी से पीड़िता का रात में अंतिम संस्कार किया गया।
यूपी सरकार ने हलफनामा दाखिल करके मामले की सीबीआई जांच कराने का आदेश देने की मांग की। सरकार ने दावा किया है कि हाथरस के बहाने राज्य में दंगा कराने की साजिश रची गई थी। इस मामले में मथुरा से चार लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। वहीं मामले की सुनवाई यूपी से दिल्ली में ट्रांसफर करने की भी बात कही गई है। साथ ही कहा गया है कि जांच सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में हो।
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सरकार ने कहा, कोर्ट को सीबीआई जांच के निर्देश देने चाहिए। यूपी सरकार ने ये भी कहा कि वह मामले की निष्पक्ष जांच करा सकती है।
सरकार ने कहा कि उन्हें ऐसी खुफिया सूचना मिली थी कि अगर शव का अंतिम संस्कार करने के लिए सुबह होने का इंतजार किया जाता तो बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क सकती थी।
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बता दें कि हाथरस में 19 साल की दलित लड़की के साथ 14 सितंबर को कथित गैंगरेप किया गया, जिसमें चार लोगों को आरोपी बताया गया। पीड़िता ने इलाज के दौरान 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया। पीड़िता के परिवार ने आरोप लगाया कि बिना उनकी इजाजत के यूपी पुलिस ने उनकी बेटी का अंतिम संस्कार कर दिया।
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