न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में ग्राम विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह ‘मोती सिंह’ ने अपनी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंत्री जी उन्होंने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) द्वारा आयोजित ग्राम पंचायत अधिकारी की भर्ती परीक्षा पर सवाल उठाते हुए परिणाम निरस्त करने की मांग की।
उन्होंने UPSSSC द्वारा पंचायत अधिकारी एवं समकक्ष 2000 पदों के लिए हुई परीक्षा के परिणाम में बड़े पैमाने में हुई धांधली को उजागर करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भी लिखा है। पत्र में राजेंद्र प्रताप सिंह ने आयोग को कठघरे में खड़ा करते हुए पूरे परीक्षा परिणाम को रद्द करने की मांग की है।
ग्राम्य विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह ‘मोती सिंह’ द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बताया गया कि ग्राम पंचायत अधिकारी के लगभग दो हजार पदों के लिए परीक्षा के परिणाम गत 28 अगस्त को जारी किए गए थे। पूरे प्रदेश में उक्त पदों की भर्ती के लिए यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 16 परीक्षा केंद्र बनाए थे और दो पालियों में परीक्षा आयोजित की गई थी।
घोषित परीक्षा परिणामों में लखनऊ केंद्र पर 420 परिक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिका की कार्बन कापी लखनऊ के ट्रेजरी दफ्तर में जमा हुई थी। उक्त कापियां 296 बंडलों में संकलित हुई थीं। पूरे प्रदेश में कार्बन कॉपियों का मिलान परीक्षार्थियों की मूल कॉपी से करने का निर्णय चयन आयोग द्वारा लिया गया था।
पत्र में ग्राम्य विकास मंत्री ने लखनऊ केंद्र के दो परीक्षार्थियों की कॉपियों में गड़बड़ी के साक्ष्य भी दिए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि एक बंडल में मिली गड़बड़ी एक नमूना भर है। इससे इस तथ्य को भी नकारा नहीं जा सकता है कि आयोग द्वारा सही परीक्षण नहीं कराया गया है। उन्होंने यह आशंका भी व्यक्त की है कि इस धांधली में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की संलिप्तता हो सकती है।