जुबिली न्यूज डेस्क
यूपी की योगी सरकार मे वन्य जीव को लेकर एक बड़ा फैसला किया है. सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश राज्य वन्य जीव बोर्ड की 14वीं बैठक संपन्न हुई. बैठक में प्रदेश की जैव विविधता को संरक्षित करने और इको पर्यटन की संभावनाओं को विस्तार देने सहित अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर मुख्यमंत्री द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इस बैठक में फैसला लिया गया कि अब कोई राज्य पक्षी ‘सारस’ को घर पर नहीं पाल पाएगा. इसको लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सारस के संरक्षण के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं.
आरिफ के सारस पालने का मामला काफी सुर्खियों में
आपको बता दें कि हाल ही में यूपी में आरिफ नाम के शख्स द्वारा सारस पालने का मामला काफी सुर्खियों में रहा था. आरिफ को अगस्त 2022 में घायल अवस्था में एक सारस मिला था. आरिफ ने उसका इलाज किया तब से सारस उसके साथ रहने लग गया और वो जहां भी जाता सारस उसके साथ ही जाता था.
यह मामला तब ज्यादा चर्चा में आया था जब सपा प्रमुख अखिलेश यादव दोनों के किस्से सुनकर आरिफ से मिलने पहुंचे थे. इसके बाद प्रशासन ने आरिफ को नोटिस जारी किया था और वन विभाग आरिफ के सारस को अपने साथ ले गया था.
1972 के प्रावधानों के उल्लंघन के आरोप
इस मामले में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के प्रावधानों के उल्लंघन के आरोप में आरिफ के खिलाफ एक केस दर्ज किया गया है. राज्य वन्य जीव बोर्ड की बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के राज्य पशु ‘बारहसिंघा’ और राज्य पक्षी ‘सारस’ के संरक्षण के लिए नियोजित प्रयास करने होंगे. इस संबंध में कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत की जाए.उन्होंने इस बैठक में कहा कि यह सुखद है कि नमामि गंगे परियोजना के माध्यम से अवरिल और निर्मल हो रहीं गंगा नदी में डॉल्फिन की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.
इसमें बैठक में कुकरैल नाइट सफारी, लखनऊ और रानीपुर टाइगर रिजर्व, चित्रकूट के विकास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया जाए. इस संबंध में वन्य जीव विभाग, नगर विकास, पीडब्ल्यूडी और आवास विभाग मिलकर अच्छी कार्ययोजना तैयार करें. यह दोनों परियोजनाएं प्रदेश की प्राकृतिक सुषमा और जैव विविधता को नई पहचान देने वाले होंगी. प्रकृति प्रेमियों के लिए यह दोनों नवीन स्थल एक उपहार होंगे.
इको टूरिज्म साइट का भ्रमण
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि राज्य वन्य जीव बोर्ड के सदस्यों द्वारा इस क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा वन्य जीव क्षेत्रों और इको टूरिज्म साइट का भ्रमण किया जाना चाहिए, ताकि नेचर टूरिज्म की संभावनाओं को आकार दिया जा सके. वन और पर्यटन विभाग परस्पर समन्वय के साथ इको टूरिज्म के विकास के लिए समन्वित नीति तैयार करे.
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बैठक में बताया गया कि जनपद महराजगंज अंतर्गत सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग में स्थित महाव नाला के तटबंध बरसात के दौरान फ्लैश-फ्लड कारण टूट जाते हैं. जलभराव का दुष्प्रभाव वन्य जीवों पर भी पड़ता है. जनपद में बाढ़ की समस्या का एक बड़ा कारण महाव नाला है. समाधान के लिए इसके चौड़ीकरण और गहरीकरण की आवश्यकता है। इस संबंध में विशेषज्ञों से परामर्श करते हुए समयानुसार कार्यवाही की जाए.
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