जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार के बीच योगी सरकार ने एक बार फिर गरीबों के हित में बारे में विचार किया है। सरकार सभी श्रमिकों, गरीब परिवारों को वित्तीय सहायता और राशन देने की तैयारी में जुट गयी है।
आज उच्चस्तरीय बैठक में सीएम योगी ने कहा कि पिछले साल राज्य सरकार ने कोविड-19 की चुनौती का सामना करने के साथ ही विभिन्न कार्यों को आगे बढ़ाया था। उत्तर प्रदेश पहला राज्य था, जिसने श्रमिकों, स्ट्रीट वेंडरों, रिक्शा चालकों, कुलियों, पल्लेदारों आदि को भरण- पोषण भत्ता ऑनलाइन दिया।
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भरण-पोषण के रूप में दिए गए पैसे ने उनके जीवन को बचाने का काम किया। संगठित क्षेत्र के श्रमिकों को दो बार तथा असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को एक बार भरण-पोषण भत्ता दिया गया। साथ ही 15 दिन के राशन किट भी दी गई।
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मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि राशन कार्ड बाध्यता समाप्त कर माह में दो बार, एक बार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना तथा दूसरी बार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से राशन उपलब्ध कराया गया। बड़े पैमाने पर कम्युनिटी किचन की व्यवस्था की गई। तकनीक के माध्यम से इन किचन्स का निरन्तर अनुश्रवण किया गया। करोड़ों की संख्या में फूड पैकेट वितरित किये गये।
स्वच्छता कर्मियों, पुलिस कर्मियों सहित सभी कर्मियों के योगदान और जनसहयोग से कोरोना प्रबन्धन मेें उत्तर प्रदेश अग्रणी रहा। इस साल भी जरूरतमंदों को भरण-पोषण भत्ता और राशन उपलब्ध कराया जाएगा।
सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि भरण/पोषण भत्ता के पात्र लोगों की सूची अपडेट कर ली जाए। इस तरह राशन वितरण कार्य की व्यवस्था की समीक्षा कर ली जाए। भत्ता वितरण डीबीटी प्रणाली के माध्यम से सीधे बैंक खाते में किया जाएगा।
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