Saturday - 26 October 2024 - 2:29 PM

नई सरकारी नौकरी देने के लक्ष्य की तरफ योगी सरकार

जुबिली न्यूज़ डेस्क

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मिशन रोजगार अभियान के तहत बड़ी संख्या में रोजगार देने का प्रयास किया जा रहा है और प्रत्येक जिले की एक कार्य योजना बनाई जा रही है। राज्य के अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि मिशन रोजगार अभियान के तहत बड़ी संख्या में रोजगार देने का प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि अभियान के तहत सभी जिलों की एक कार्य योजना बनाई जा रही है। जिसमें सरकारी नौकरियों के माध्यम से, सरकारी योजनाओं से स्वरोजगार, बैंकों से समन्वय करके, कौशल प्रशिक्षण द्वारा स्वरोजगार तथा विभिन्न विभागों द्वारा चलाये जा रहे निर्माण कार्यों में रोजगार के अवसरों को एक योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जायेगा, ताकि प्रदेश में अधिक से अधिक रोजगार के अवसर पैदा किये जाएं।

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उन्होंने बताया कि चार साल में 4 लाख नई सरकारी नौकरी देने के लक्ष्य को पूरा किया जा रहा है और विभिन्न आयोगों, परिषदों, विभागों से कहा गया है कि अपने रिक्त पदों के सापेक्ष नियमानुसार पारदर्शी तरीके से रिक्त पदों पर अपनी भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाएं, ताकि प्रदेश में अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध हो जाएं।

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सहगल ने बताया कि आर्थिक गतिविधियों को और अधिक तेजी लाने के लिए सरकार कार्य कर रही है। इसके साथ ही रोजगार के अवसर बढ़ाने पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने बताया कि 12 लाख इकाइयों को लगभग 31 हजार करोड़ रुपये के ऋण बैंकों के माध्यम से उपलब्ध कराये गये हैं।

इस वित्तीय वर्ष में 20 लाख इकाइयों को 76 हजार करोड़ रुपये के ऋण बैंकों के माध्यम से दिये जाने का लक्ष्य रखा गया है। एमएसएमई इकाइयों से 27 लाख से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर सुलभ हुए है।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार किसानों के हित के लिए कार्य कर रही है। प्रदेश सरकार किसानों को उनकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने के लिए कृतसंकल्प है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर निरन्तर धान खरीद की समीक्षा की जा रही है।

इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि किसानों के धान की खरीद समय से हो तथा उन्हें धान, मूंगफली व मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य अवश्य मिले। उन्होंने बताया कि मक्का और मूंगफली की खरीद पहली बार की जा रही है। धान और मक्का की खरीद का भुगतान 72 घंटे के अन्दर सुनिश्चित किया जाये।

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अपर मुख्य सचिव ने कहा कि जिलाधिकारी की ये जिम्मेदारी है कि किसानों को किसी प्रकार की समस्या न/न हो तथा क्रय केन्द्र सुचारू रूप से कार्य करे। उन्होंने बताया कि किसी भी प्रकार की अधिकारियो/ कर्मचारियों द्वारा लापरवाही बरती जाती है तो उनके विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी।

उन्होंने कहा कि धान क्रय केन्द्र पर शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी की जिम्मेदारी होगी। धान क्रय केन्द्रों पर जिलाधिकारी द्वारा निरन्तर सत्यापन अनुश्रवण तथा आकस्मिक निरीक्षण करे। किसानों से निरन्तर धान की खरीद की जा रही है। उन्होंने बताया कि अब तक किसानों से 408.62 लाख कुन्तल धान की खरीद की जा चुकी है। जो पिछले वर्ष की तुलना में डेढ़ गुना से अधिक है।

राज्य सरकार किसानों के हितों के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और किसानों की समस्या का निदान प्राथमिकता से सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये गये हैं। इस क्रम में मुख्यमंत्री स्वयं किसान सम्मेलनों को सम्बोधित भी कर रहे हैं। उन्होंने घोषण किया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य और मण्डियां समाप्त नहीं होंगी।

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