जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की 26 नवंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल को रोकने के लिए यूपी सरकार ने तोड़ निकाल लिया है। कल ये हड़ताल केंद्र सरकार की श्रम- विरोधी नीतियों के खिलाफ होनी थी, जिससे सरकार में चिंता थी।
गौरतलब है कि हाल ही में सरकार ने तीन नए श्रम कानून पारित किये हैं और 27 पुराने कानूनों को खत्म कर दिया है। इसके विरोध में ये हड़ताल की जानी थी। वहीं भारतीय मजदूर संघ इस हड़ताल में शामिल नहीं हो रहा है।
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कोरोना संकट काल के बीच उत्तर प्रदेश की सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। यूपी में अगले 6 महीने के लिए आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा एक्ट) लागू किया गया है। यानी अगले 6 महीने तक प्रदेश में किसी भी तरह की हड़ताल पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। प्रदेश सरकार की ओर से बुधवार को ये आदेश जारी किया गया है।
एस्मा एक्ट के लागू होने के बाद आवश्यक सेवाओं में लगे सरकारी कर्मचारी अगले 6 महीने तक किसी तरह की हड़ताल पर नहीं जा सकेंगे। अगर कोई भी कर्मचारी हड़ताल करता है, तो उसपर सख्त एक्शन लिया जा सकेगा।
देश के अंदर जिस तरह से कोरोना संकट फिर बढ़ रहा है और फिर अब वैक्सीन वितरण को लेकर भी सरकारों की ओर से तैयारी की जा रही है, इस बीच यूपी सरकार ने ये फैसला लिया है। जिससे ट्रेड यूनियनों में निराशा का माहौल है।
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