जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। हाथरस कांड के बाद सूबे की योगी सरकार पूरे विपक्ष के निशाने पर है। आलम तो यह है कि इस मामले में यूपी की राजनीति में घमासान देखने को मिल रहा है। हाथरस कांड को लेकर योगी सरकार के साथ-साथ पुलिस के बर्ताव पर भी सवाल था।
ऐसे में उम्मीद की जा रही थी योगी इन पुलिसकर्मी पर बड़ा एक्शन लेंगे। योगी सरकार ने आखिरकार ने शुक्रवार को बड़ा कदम उठाते हुए हाथरस के एसपी विक्रांत वीर, डीएसपी और इलाके के इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक योगी ने एसआईटी की शुरुआती जांच के बाद इस तरह की बड़ी कार्रवाई की है।
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एसपी विक्रम वीर, डीएसपी राम शब्द, इंस्पेक्टर दिनेश कुमार वर्मा, उप निरीक्षक जगवीर सिंह तथा हेड मुर्रा महेश पाल को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके साथ ही एसआईटी को सभी लोगों के नारको और पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के निर्देश दिये है।
हालांकि इस मामले में डीएम पर अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है। हालांकि इस पूरे मामले में डीएम के बर्ताव को लेकर सवाल उठ रहा है।
बता दें कि घटना 14 सितम्बर की है। उसके साथ कुछ लोगों ने मिलकर गैंग रेप किया और मरने के लिए खेल में खून में लथपथ छोड़ दिया। लड़की के शरीर पर जख्म ऐसे-ऐसे थे जिसे सूनकर आम इंसान भी खून के आंसू रोने पर मजबूर हो जाये।
आनन-फानन में लड़की की जिंदगी बचाने के लिए अस्पताल लाया गया लेकिन फिर उसे बड़े अस्पताल दिल्ली के सफदरगंज भर्ती कराया गया। इसके बाद उसे बचाने के लिए डॉक्टरों की लम्बी टीम लगी लेकिन भगवान ने उसकी जिंदगी खत्म करने का फैसला कर लिया था और उसकी मौत हो गई।
जब जिंदा थी तब भी उसके साथ कम जुल्म नहीं हुआ और जब मर गई तो उसकोउसकी मौत के बाद जिस तरह से पुलिस ने उसका अंतिम संस्कार किया उसने पुलिस पर ही सवालिया निशान लगा दिए। रात के अंधेरे में हाथरस की बेटी का अंतिम संस्कार कर दिया गया।