जुबिली न्यूज डेस्क
अप्रैल माह में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत कई शहरों में कोरोना की वजह से लोगों की जो हालत थी वह आज भी लोगों के जेहन में मौजूद है। किस तरह लोग ऑक्सीजन, दवाई और अस्तपालों में बेड के लिए भटक रहे थे।
लेकिन यूपी में कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है, ये दावा योगी सरकार ने विधान परिषद में किया है।
विधान परिषद में कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह ने ऑक्सीजन की कमी से मौतों की जानकारी मांगी थी, जिसके जवाब में सरकार ने ये बात कही है।
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यूपी में तीन दिन का शीतकालीन सत्र चल रहा है। इसे 17वीं विधानसभा का आखिरी सत्र माना जा रहा है। कांग्रेस एमएलसी के सवाल पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने लिखित जवाब देते हुए बताया कि ऑक्सीजन की कमी से किसी की भी मौत होने की सूचना नहीं मिली है।
ऑक्सीजन की कमी से मौत की जानकारी यूपी ने नहीं दी
लोकसभा के शीतकालीन सत्र में भी ऑक्सीजन की कमी से मौत की जानकारी मांगी गई थी। लोकसभा में इसका लिखित जवाब देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया कि ऑक्सीजन की कमी से कोरोना मरीजों की मौतों की जानकारी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से मांगी गई थी, लेकिन अभी तक सिर्फ पंजाब और अरुणाचल प्रदेश ने ही इसका आंकड़ा दिया है।
उन्होंने बताया कि पंजाब के अमृतसर जिले में एक निजी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 4 मरीजों की मौत हुई थी।
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कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन के लिए थी मारामारी
देश में कोरोना की दूसरी लहर अप्रैल से जून के बीच आई थी। इस दौरान लाखों लोगों की मौत हुई। देश के तमाम हिस्सों में ऑक्सीजन की कमी की खबरें आई थी।
ऑक्सीजन के लिए जगह जगह लाइनें लग रही थीं। कुछ अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से मौत की खबरें भी सामने आई थीं। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार के इस दावे के बाद विपक्ष हंगामा कर सकता है।
पिछले सत्र में केंद्र सरकार ने भी दावा किया था कि देश में ऑक्सीजन की कमी से किसी की जान नहीं गइ।. हालांकि, विपक्ष के हंगामे के बाद सरकार ने जवाब दिया था कि यह दावा राज्यों से मिली जानकारी के आधार पर किया गया है।
इसके बाद में केंद्र सरकार ने संसद में बताया था कि आंध्र प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी के कारण कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कुछ लोगों की मौत हुई थी।