जुबिली न्यूज़ डेस्क
उत्तर प्रदेश सरकार ने 896 पुलिसकर्मियों की पदावनति यानी डिमोशन का आदेश वापस ले लिया है। साथ ही सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि अब पीएसी के किसी भी जवान को नागरिक पुलिस में नहीं भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए गृह विभाग को स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस और पीएसी के जवानों के शौर्य और सेवाभाव की सराहना की है।
सीएम ने जवानों के सेवाभाव की सराहना करते हुए कहा है कि संबंधित कर्मचारी जो पीएसी से निर्धारित व्यवस्था के अनुसार 29 नवंबर 2004 तक हर साल नियमित रूप से एपी में भेजे गए थे, उन्हें उस तिथि को एपी में रिक्त पदों के अनुसार संविलीन माना जाए।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा है कि पीएसी के जो जवान 29 नवंबर 2004 के बाद सशस्त्र पुलिस या नागरिक पुलिस में चले गए थे, यदि वे निर्धारित मानक पूरे करते हों तो उन्हें भी नागरिक पुलिस में संविलीन किया जाए। उन्होंने यह भी कहा है कि पुलिस मुख्यालय, उत्तर प्रदेश की ओर से 9 सितंबर को जारी नागरिक पुलिसकर्मियों के पदावनत आदेश को वापस लिया जाए।
इसके साथ ही अब यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि भविष्य में पीएसी के किसी जवान को नागरिक पुलिस में नहीं भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गृह विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि पीएसी मुख्यालय की ओर से पीएसी और नागरिक पुलिस में प्रोन्नति के अवसर समानांतर करने के लिए भी अलग से प्रस्ताव तैयार किया जाए।
अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने भी इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के मुताबिक इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया गया है।