जुबिली न्यूज़ डेस्क
बिहार की तरह बेरोजगारी के मुद्दा बन जाने का डर हो या प्रदेश को आगे रखने का संकल्प यूपी सरकार ने बेरोजगारों को रोजगार देने के मामले में तेजी से काम करना शुरू किया है। रोजगार के अवसरों पर तेजी से काम करने के प्रदेश के मुखिया के निर्देश की वजह से अफसरों की सावधानी भी बढ़ गई है। राजस्व परिषद के अध्यक्ष दीपक त्रिवेदी ने लम्बे समय से अटकी लेखपालों की भर्ती को लेकर मंडलायुक्तों की लापरवाही पर नाराजगी जताई है। दरअसल सभी जिलों से लेखपालों के रिक्त पदों को लेकर ब्योरा मांगा गया था। लेकिन प्रदेश के चार मंडलों ने इसके बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई।
उत्तर प्रदेश के चार मंडल आगरा, सहारनपुर, मेरठ और बरेली के मंडलायुक्त लेखपालों के खाली पदों पर भर्ती में रोड़ा बने हुए हैं। इसको लेकर राजस्व परिषद के अध्यक्ष दो दिन के अंदर संबंधित मंडलायुक्तों से अपने हस्ताक्षर से लेखपाल के खाली पदों पर भर्ती संबंधी प्रस्ताव उपलब्ध कराने को कहा है। ये निर्देश उन्होंने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये दिए हैं।
उन्होंने कहा कि सभी मंडलायुक्त लेखपाल भर्ती के लिए आरक्षण के संबंध में समय-समय पर जारी अधिनियमों व नियमों के आधार पर स्वयं परीक्षण करते हुए खाली पदों का ब्योरा एकत्र कराएंगे। इसके आधार पर तीन सालों वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 तक के रिक्त पदों का त्रुटिरहित प्रस्ताव दो दिनों के अंदर उपलब्ध कराए जाए।
इसके अलावा कानपुर नगर के डीएम को भी निर्देश दिया गया है कि कनिष्ठ सहायक भर्ती के लिए उनके द्वारा अभी तक प्रस्ताव उपलब्ध नहीं कराया गया है। यह अत्यंत आपत्तिजनक है। इसलिए तुरंत कनिष्ठ सहायक के रिक्त पदों का प्रस्ताव उपलब्ध करा दिया जाए।
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बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए हैं कि रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया छह माह में अभियान चलाकर पूरी की जाएगी। इसके आधार पर विभागों को संबंधित भर्ती बोर्ड या आयोग को खाली पदों पर भर्ती संबंधी प्रस्ताव भेजा जाना है।
सीएम के निर्देश पर ही विभागाध्यक्ष भर्ती संबंधी प्रस्ताव भेजे जाने की समीक्षा कर रहे हैं। राजस्व परिषद के अध्यक्ष ने भी इस संबंध में मंडलायुक्तों से जानकारी मांगी। इसमें पता चला कि चार मंडलायुक्तों ने अभी तक भर्ती संबंधी प्रस्ताव नहीं भेजे हैं। इस पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने दो दिन के अंदर प्रस्ताव उपलब्ध कराने को कहा है।