न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश के उन्नाव में यूपी पुलिस का बर्बर चेहरा नजर आया है। यहां पर जमीन का उचित मुआवजा न मिलने से नाराज किसान प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया और इस बीच कई किसान घायल भी हो गए। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें साफ़ दिखाई दे रहा है कि पुलिस घायल किसान पर निर्दयता पूर्ण लाठी भांज रही है।
उन्नाव में सत्ता के इशारे पर हक की मांग कर रहे किसानों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार! अंग्रेज़ों की बर्बरता को भी पीछे छोड़ महिलाओं व जमीन पर गिरे अधमरे किसानों को पीटा गया, क्योंकि वह बेमोल जमीन छीने जाने का विरोध कर रहे थे। यही योगीजी का न्याय है जो हक माँगे उसकी कमर तोड़ दो! pic.twitter.com/XAHlF7J97B
— Sunil Singh Yadav (@sunilyadv_unnao) November 17, 2019
दरअसल उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम की ट्रांस गंगा सिटी परियोजना के लिए अधिग्रहित की गई जमीन का उचित मुआवजा न मिलने से नाराज किसान रविवार को एक बार फिर किसान उग्र हो गए। इस दौरान उन्होंने ट्रांस गंगा सिटी एरिया के करीब एक किलोमीटर की परिधि में बने सब स्टेशन पर हमला कर दिया। आगजनी की इस घटना से जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में दमकल की गाड़ियां मौके पर भेजी गई हैं।
Unnao: A vehicle of crusher plant was set ablaze today. Dist Magistrate (DM) says “Some miscreants are doing this. We will go to villages&appeal to people to maintain peace. This is a deed of miscreants. We’ll maintain peace & the work (Trans Ganga City project) will also go on.” pic.twitter.com/5AfLWq6t8Z
— ANI UP (@ANINewsUP) November 17, 2019
वहीं, इस घटना पर उन्नाव के डीएम का कहना है कि ये प्रदर्शन किसानों का नहीं, कुछ अराजक तत्वों का है। इन्होंने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की है। इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने कुछ पाइपों और एक गाड़ी को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि फोर्स के साथ गांव-गांव घूमकर हम स्थिति सामान्य करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
बता दें शनिवार को प्रदर्शन कर रहे किसानों ने जेसीबी और गाड़ियों पर पथराव किया। इसके बाद पुलिस को बुलाना पड़ा। मौके पर 12 थानों की पुलिस और पीएसी की टुकड़ी को भी तैनात किया गया है। वहीं, किसान नेता का कहना है कि हम लोग दो साल से लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन सरकार हमारी बात को नहीं सुन रही।
किसानों ने आरोप लगाया है कि साल 2005 में बगैर समझौते के उनकी जमीनों को अधिगृहित कर लिया गया था। लेकिन उनका मुआवजा नहीं दिया जा रहा। इसके विरोध में आक्रोशित किसान सड़क पर उतरे हैं।