प्रमुख संवाददाता
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार अनुपयोगी हो चुके 62 कानूनों को खत्म करने जा रही है. विधानसभा के मानसूत्र सत्र में डेढ़ दर्जन से अधिक विधेयक विचारार्थ रखे जायेंगे. इनमें अनुपयोगी हो चुके 62 कानूनों को खत्म करने का प्रस्ताव भी रखा जाएगा.
राज्य विधि आयोग ने सरकार से 1289 अधिनियमों को समाप्त करने के लिए अपनी संस्तुति दी है. अब तक 347 कानूनों को खत्म भी किया जा चुका है. सरकार ने पाया है कि इसी कड़ी में 62 और क़ानून ऐसे हैं जो पूरी तरह से अनुपयोगी हो चुके हैं और उन्हें खत्म कर दिए जाने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है.
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62 कानूनों को खत्म करने के लिए यूपी निरसन विधेयक 2020 लाया जा रहा है. इन कानूनों में खासतौर पर किशोर बंदी अधिनियम 1951, सहकारी समिति संशोधन अधिनियम 1972, पशु क्रय कर अधिनियम और यूपी गुंडा नियंत्रण संशोधन अधिनियम 1983 शामिल हैं.