Friday - 25 October 2024 - 6:57 PM

योगी सरकार के कर्मचारी नाराज़, कैंडल मार्च की तैयारी

जुबिली न्यूज डेस्क

लखनऊ:  ज्यादा दिन नहीं हुए योगी सरकार ने सौ दिन पूरे करने पर दावा किया था कि प्रदेश में सबकुछ ठीक ठाक है। अमन चैन है, सभी वर्गों में सरकार के काम करने के तौर तरीके को लेकर संतोष है। लेकिन क्या आपको मालूम है कि सरकारी कर्मचारियों में अपने डीए के भुगतान को लेकर भारी असंतोष है। सरकार पर आरोप है कि पिछले चुनाव में कर्मचारियों के सत्ताविरोधी रुझानों की वजह से आदेश के बावजूद पिछले सात माह से भुगतान में रोड़े अटकाए जा रहे हैं। ये बताने की जरूरत नहीं कि 2022 के चुनाव में पुरानी पेंशन की मांग एक बड़ा मुद्दा बन गया था और इसकी वजह से सरकारी कर्मचारियों ने विरोधी दल को वोट किया था। पोस्टल बैलेट के नतीजे के तौर पर ये साफ दिखाई पड़ा था।

यूपी कर्मचारी एवं शिक्षक समन्वय समिति ने योगी सरकार को पत्र लिखकर बदले की नीयत से डीए के भुगतान में देरी को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। कर्मचारी संगठन इतने नाराज़ है कि उन्होंने 25 जुलाई को कैंडिल मार्च निकालने का फैसला कर लिया है। संगठन की ओर से सरोजनी नायडू पार्क में शाम 4 बजे कैंडिल मार्च निकाला जाएगा। संगठन के कर्मचारी, शिक्षक, पेंशनर सभी शामिल होंगे। इस कैंडिल मार्च से साफ हो जाएगा कि कर्मचारियों में सरकार के प्रति कितनी नाराज़गी है। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला…

बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने कर्मचारियों व पेंशनरों का डीए व डीआर अब तक नहीं बढ़ाया है। उन्हें अभी 31 प्रतिशत की दर से ही डीए व डीआर मिल रहा है। यह तब है जब डीए-डीआर में जुलाई में फिर वृद्धि होनी है। कर्मचारियों और पेंशनरों को तीन प्रतिशत की बढ़ी दर से डीए व डीआर का भुगतान करने पर सरकार पर प्रतिमाह 220 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्ययभार आएगा। एक-दो साल को अपवाद मान लें तो पिछले कुछ सालों में कर्मचारियों को जनवरी से देय अतिरिक्त डीए का नकद भुगतान जुलाई के महीने से होने लगता था। इसी आधार पर कर्मचारी व पेंशनर डीए-डीआर बढ़ने की उम्मीद लगाए हैं। वहीं राज्य कर्मचारियों ने राज्य कर्मचारियों को तीन प्रतिशत की बढ़ी दर से डीए का नकद भुगतान तत्काल सुनिश्चित करने की मांग की है। यह सरकार का वचनबद्ध व्यय है। केंद्र सरकार जहां जुलाई में फिर से बढ़ने वाले डीए का भुगतान करने की तैयारी कर रही है, वहीं राज्य सरकार अभी पिछला भुगतान ही नहीं कर पाई है।

कर्मचारी, शिक्षक, पेंशनर झेल रहे महंगाई की मार

ऐसे में स्पषट है कि कर्मचारी, शिक्षक, पेंशनर  एक साल से महंगाई की मार झेल रहे हैं। लेकिन सरकार द्वारा शासनादेश जारी ना किए जाने की वजह से भुगतान नहीं हो रहा है। इसी कड़ी में यूपी कर्मचारी एवं शिक्षक समन्वय समिति ने यूपी सरकार को पत्र लिखा है। समिति का कहना है कि इससे पहले भी पत्र लिख चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। समिति ने योगी सरकार पर आरोप लगाया है कि चुनाव के दौरान कर्मचारी संगठन के सेवानिवृत्त पदाधिकारी ने विरोधी पार्टी से चुनाव लड़ा था। इस बात की सजा सरकार प्रदेश के सभी कर्मचारियों को किस्त का भुगतान ना करके कर रही है।

योगी सरकार पर लगाया गंभीर आरोप

उत्तर प्रदेश कर्मचारी एवं शिक्षक समन्वय समिति के समन्वयक अमरनाथ यादव ने कहा है कि अगर सरकार किस्त का भुगतान नहीं करती है तो कर्मचारी, शिक्षक, पेंशनर 25 जुलाई को कैंडिल मार्च निकालेंगे। यादव ने कहा है कि सरकारी कर्मचारी किसी भी दल का हिस्सा नहीं हैं लेकिन पता नहीं क्यों सरकार विद्वेषपूर्ण कार्रवाई कर रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध किया है कि भुगतान जल्द से जल्द कराया जाए। साथ अमरनाथ यादव ने कहा कि संगठन किसी भी राजनैतिक पार्टी के लिए काम नहीं करती हैं और ना ही करेगी।

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