न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश में 25 हजार होमगार्ड की ड्यूटी खत्म करने पर विपक्ष के घेरेबंदी और सोशल मीडिया में मजाक बनने के बाद योगी सरकार ने यू-टर्न ले लिया है। होमगार्ड मंत्री चेतन चौहान ने कहा कि किसी भी होमगार्ड को नहीं निकाला जाएगा। डीजीपी से बातकर सीमित बजट में ड्यूटी देने का सुझाव दिया गया है।
उन्होंने बताया कि यूपी पुलिस अपने सीमित बजट में 17000 होमगार्ड्स को ड्यूटी पर रख सकती है। बाकी 8000 होमगार्ड्स को मुख्यालय से ड्यूटी मिलेगी।
चेतन चौहान ने कहा कि सीमित जवान और कम ड्यूटी के फॉर्मूले से हल निकला है। 31 मार्च के बाद सभी होमगार्ड को नए मानदेय के साथ ड्यूटी मिलेगी। मंत्री ने कहा कि नए बजट में होमगार्ड और पुलिस का बजट बढ़ेगा।
इस पहले ऐसे खबर आई कि योगी सरकार ने 25 हजार होमगार्ड की सेवा समाप्त कर दी है, विपक्षी नेताओं ने इसका विरोध किया। बसपा सुप्रीमो मायातवी ने ट्वीट करके योगी सरकार पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि यूपी सरकार अपनी गलत आर्थिक नीतियों की सजा 25 हजार होमगार्डों को बर्खास्त करके उनके परिवार के लाखों लोगों को क्यों दे रही है? इससे प्रदेश में अराजकता और ज्यादा बढ़ेगी। सरकार रोजगार देने के बजाए बेरोजगारी को और क्यों बढ़ा रही है? सरकार जनहित पर समुचित ध्यान दे तो बेहतर है।
वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश में काम कर रहे 25000 होमगार्डों को दिवाली से कुछ ही दिन पहले नौकरी से निकाल देने का फ़ैसला किया है। प्रदेश की कानून व्यवस्था एकदम खराब है। ऐसे में ज़्यादा प्रहरी और पुलिसबल की जरूरत पड़ती है लेकिन भाजपा सरकार के सर पर पता नहीं कौन सा फ़ितूर सवार है।
बता दें, कानून व्यवस्था में ड्यूटी करने वाले होमगार्डों की संख्या में 32 फीसदी तक की कटौती की गई है। सोमवार के आदेश के मुताबिक एडीजी के आदेश के बाद 25 हजार होमगार्ड की सेवाएं समाप्त हुई हैं। एडीजी पुलिस मुख्यालय, बीपी जोगदंड की ओर से यह आदेश जारी किया था।
28 अगस्त को मुख्य सचिव की बैठक में ड्यूटी समाप्त करने का फैसला लिया गया था। अब तक 40 हजार होमगार्ड्स की ड्यूटी समाप्त की जा चुकी है।
बता दें कि होमगार्डों को पहले 500 रुपये का रोजाना भत्ता मिलता था, जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 672 रुपये कर दिया गया था।
माना जा रहा है कि इससे उत्तर प्रदेश पुलिस के बजट पर असर पड़ रहा था। होमगार्डों की कोई तय मासिक तनख्वाह नहीं होती है और ड्यूटी के दिनों के आधार पर मानदेय दिया जाता है।