जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। यूपी में 2022 में विधानसभा चुनाव होना है, इससे पहले योगी सरकार ने ओबीसी आरक्षण को लेकर बड़ा कदम उठाने जा रही है। हाल में योगी सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री अनिल राजभर के बयान के बाद ये कयास लगाये जा रहे हैं कि सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण को लेकर कुछ बदलाव कर सकती है।
जानकारी के मुताबिक पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण में कोटे के अंदर कोटा देने का संकेत दिया है। हालांकि बीजेपी ने साल 2017 के विधानसभा चुनाव जीत दर्ज की थी क्योंकि गैर यादव ओबीसी समुदाय के वोट एक मुश्त उनकी झोली में गया था।
अनिल राजभर ने कहा था कि सरकार जल्द ही कोटे के अंदर कोटा लागू करने जा रही है और उसके सभी विकल्पों पर विचार चल रहा है। यानी ओबीसी के 27 फीसदी आरक्षण को पिछड़ा, अति पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा, तीन भागों में बांट सकती है।
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हालांकि मंत्री के बयान के बाद राजनीतिक हलचल देखने को नहीं मिली है लेकिन यह माना जा रहा है बहुत जल्द इसको लेकर राजनीतिक घमासान देखने को मिल सकता है। ऐसे में माना जा रहा है कि 2022 में विधानसभा चुनाव को लेकर इसपर राजनीति हो सकती है।
राजनीतिक दल की पिछड़ी जातियों के वोट के लिए इस तरह का रास्ता अपना सकते हैं। हालांकि पिछड़ों के आरक्षण को लेकर जो संकेत सरकार दे रही है लेकिन ये आसान नहीं है, क्योंकि ‘कोटे के अंदर कोटा’ को अन्य दल इतनी आसानी शायद ही माने।
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बता दें कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की वजह से बीजेपी को बड़ा फायदा हुआ था। राजनीतिक जानकार मुख्यमंत्री योगी के इस कदम को छोटे विपक्षी दलों के जवाब के तौर पर देख रहे हैं।
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दरअसल विधानसभा चुनाव से पूर्व सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर और भीम आर्मी चीफ की नजदीकियां बढ़ गई।
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