न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीश द्विवेदी ने फर्जी टीचर्स को लेकर बड़ा बयान दिया है, जिसके बाद उत्तर प्रदेश के करीब चार हजार सरकारी शिक्षकों पर बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है।
बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा कि प्रदेश से सभी फर्जी शिक्षकों को बाहर किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि एसटीएफ को जांच सौंपी गई है।
सतीश द्विवेदी ने कहा कि योगी सरकार का संकल्प है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाए। उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग में नियुक्त फर्जी शिक्षकों की सूची तैयार कर ली है।
सूत्रों की माने तो विभाग ने करीब चार हजार फर्जी टीचर की सूची तैयार की गई है, जिनके खिलाफ सरकार जल्द कार्रवाई कर सकती है। बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश में जांच चल रही है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि फर्जी शिक्षकों की संख्या करीब चार हजार है। सघन जांच के बाद बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाएगी।
इन फर्जी शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा भी पंजीकृत करवाया जाएगा। कोशिश है कि उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग में एक भी फर्जी शिक्षक न बचे। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के भर्ती के खेल में जो भी कर्मचारी या अधिकारी शामिल हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि शिक्षा विभाग में हजारों की संख्या में फर्जी शिक्षकों की नियुक्त हुई है। इसका खुलासा खुद विभाग ने जांच के बाद किया है। विभाग ने चार हजार शिक्षक चिह्नत किए हैं। विभाग खुद अपने स्तर पर ऐसे शिक्षकों के खिलाफ करवाई कर रहा है।
बताते चले कि उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग ने बीएड की फर्जी डिग्री के जरिए टीचर की नौकरी पाने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। मथुरा, आगरा,सिद्धार्थनगर समेत कई जिलों में फर्जी शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है।। विभाग ने मथुरा के ऐसे 60 शिक्षकों को चिह्नित कर उन्हें निलंबित कर दिया है।
बेसिक शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार, डॉ. बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा में एसआईटी की जांच के दौरान करीब 4700 ऐसे बीएड डिग्रीधारक मिले थे, जिनकी डिग्री या तो फर्जी थी या फिर उसमें हेरफेर की गई थी। अधिकारियों के द्वारा इन फर्जी डिग्रीधारकों की सूची सीडी के रूप में दो बार विभागीय माध्यम से जनपद स्तर पर पहुंचाई गई थी।