जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ. योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सभी जिलाधिकारियों से यह जानकारी माँगी है कि उनके जिलों में कितने ब्राह्मणों के पास शस्त्र लाइसेंस हैं. साथ ही मुख्यमंत्री कार्यालय यह भी जानना चाहता है कि कितने ब्राह्मणों ने शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन किया है. जिलाधिकारियों को यह जानकारी 21 अगस्त तक मुहैया करानी थी लेकिन अचानक सरकार ने अपने कदम वापस खींच लिए.
विधानसभा के मानसून सत्र में सुल्तानपुर के लम्भुआ से बीजेपी विधायक देवमणि द्विवेदी ने यह सवाल पूछा था कि पिछले तीन साल में कितने ब्राह्मणों की हत्या हुई. ब्राह्मण अपने आप को कितना असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, और कितने ब्राह्मणों के पास शस्त्र लाइसेंस है.
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विधानसभा में यह सवाल उठने के बाद सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी कर यह पूछ लिया कि कितने ब्राह्मणों के पास शस्त्र लाइसेंस है. उत्तर प्रदेश के अवर सचिव गृह प्रकाश चन्द्र अग्रवाल ने 18 अगस्त को सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर पूछा कि 21 अगस्त तक वह यह बताएं कि कितने ब्राह्मणों के पास शस्त्र लाइसेंस हैं और कितने ब्राह्मणों ने शस्त्र लाइसेंस के लिए और आवेदन किया है.
जिलाधिकारियों को भेजे गए पत्र में सरकार ने यह भी पूछा था कि तीन साल में कितने ब्राह्मणों की हत्या हुई? कितने हत्यारे गिरफ्तार हुए? और कितने हत्यारों को सजा हुई. ब्राह्मणों को सुरक्षा देने के मामले क्या स्थिति है?