न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जल्द अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने के बाद सीएम योगी ने शनिवार को लखनऊ में सूबे की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की।
सीएम योगी और राज्यपाल के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत चली। यह मुलाकात बेहद अहम थी, जिसको पूरी तरह से गोपनीय रखा गया। इस दौरान सीएम योगी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के बीच राज्य में होने वाले कैबिनेट फेरबदल और नए मंत्रियों को शामिल करने को लेकर चर्चा हुई।
सूत्रों की माने तो 20 अगस्त तक यूपी मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकते हैं। माना जा रहा है कि योगी मंत्रिमंडल में नए चेहरे शामिल होंगे और कुछ बड़े मंत्रियों की छुट्टी होगी। इसके साथ ही कई मंत्रियों के विभाग भी बदले जाएंगे।
बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि मौजूदा मंत्रिमंडल में 4 से 6 मंत्री हटाए जा सकते हैं। जिन मंत्रियों की परफॉर्मेंस सबसे ज्यादा खराब है, उनका हटना तय है।
सूत्रों का कहना है कि सबसे ज्यादा दिक्कत उन मंत्रियों के नामों को लेकर हो रही थी, जिन्हें मंत्रिमंडल से ड्रॉप किया जाना है। काफी कवायद के बाद 4 से 6 नामों पर सहमति बन गई है। ये नाम बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी बता दिए गए हैं। इन मंत्रियों के नाम परफॉर्मेंस के आधार पर तय किए गए हैं।
कुछ स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्रियों को कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है तो कुछ को हटाया जा सकता है। इनमें ग्राम्य विकास मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह, पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी, होमगार्ड मंत्री अनिल राजभर के नाम शामिल हैं। इनके अलावा संगठन से भी कुछ एमएलसी महामंत्रियों को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में इलाहाबाद सीट से रीता बहुगुणा जोशी, कानपुर से सत्यदेव पचौरी और आगरा से एसपी सिंह बघेल ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद तीनों नेताओं ने योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।
इसके अलावा ओम प्रकाश राजभर भी योगी सरकार का साथ छोड़ चुके हैं। इन चारों मंत्रियों के विभाग दूसरे सहयोगी मंत्री संभाल रहे हैं। मंत्रिमंडल विस्तार में 8-12 नए चेहरों को जगह मिल सकती है।
उत्तर प्रदेश में सीएम योगी समेत मंत्रिमंडल में कुल 43 सदस्य हैं, जबकि अधिकतम 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं। इस तरह से करीब एक दर्जन मंत्री बनाए जाने की गुंजाइश है।