जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। महाराष्ट्र की राजनीति में वीर सावरकर को लेकर घमासान मचा हुआ है। आये दिन कोई न कोई उनको लेकर बयानबाजी कर रहा है।
विपक्षी दलों की आलोचना के बावजूद भाजपा वीर सावरकर के नाम का प्रचार करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। अब यूपी की राजनीति में वीर सावरकर की इंट्री होती नजर आ रही है। दरअसल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीर सावरकर को लेकर बड़ा बयान दिया है और उनके विचारों का जिक्र करते हुए समान नागरिक संहिता की वकालत कर डाली है।
सूबे के मुखिया ने आगे कहा कि हर नागरिक को अल्पसंख्यक-बहुसंख्यक की दृष्टि से देखने की जगह नागरिक के तौर पर देखा जाना चाहिए।
हमने यूपी में हाल ही में यह लागू किया है कि सडक़ पर न पूजा होगी और न नमाज। सडक़ें केवल आवागमन के लिए हैं। धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटने से तमाम लोगों ने राहत की सांस ली है।
यूपी के सीएम ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में पुस्तक विमोचन के कार्यक्रम में कहा कि वीर सावरकर जो भारत का विभाजन रोक सकते थे।
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योगी ने कहा किशांतिपूर्वक लाउडस्पीकर हटाने के लिए प्रदेश की जनता और धर्मगुरुओं का अभिनंदन करना चाहूंगा। इस अवसर पर योगी ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला और कहा कि कांग्रेस ने वीर सावरकर, सुभाष चंद्र बोस, डा. अंबेडकर सहित तमाम राष्ट्रनायकों को अपमानित किया।
सावरकर का राष्ट्रवाद को लेकर विचार स्पष्ट था, कांग्रेस भला उसे कैसे स्वीकार कर पाती। सावरकर का विचार प्रभावी होता तो देश का दुर्भाग्यपूर्ण विभाजन नहीं होता। जनता ने कांग्रेस को उसके किए का प्रतिफल भी दिया है। उन्होंने कहा कि सावरकर 20वीं सदी के महानायक थे।
बता दे की इससे पहले राजनाथ सिंह ने भी इसी तरह का बयान दिया था और कहा था कि वीर सावरकर 20 वीं सदी के सबसे बड़े सैनिक व कूटनीतिज्ञ थे। सावरकर व्यक्ति नहीं विचार थे जो हमेशा रहेगा। राजनाथ सिंह ने आरएसएस विचारक वीडी सावरकर को देश का पहला रक्षा विशेषज्ञ बताया था । उन्होंने कहा था कि वीडी सावरकर ने भारत को “मजबूत रक्षा और राजनयिक सिद्धांत” के साथ प्रस्तुत किया।