न्यूज डेस्क
एक बार फिर यूपी मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा शुरू हो गयी है। इसको लेकर मुख्यमंत्री योगी और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह सहित कई बड़े नेताओं ने दिल्ली में मंथन किया है। सूत्रों की माने तो इस महीने के अंत तक मंत्रीमंडल विस्तार होने की संभावना है। पार्टी के प्रदेश महामंत्री (संगठन) सुनील बंसल पहले से ही दिल्ली में हैं। उनको आज वापस आना था लेकिन पार्टी नेतृत्व ने उन्हें रोक लिया है।
उधर बीजेपी प्रदेश मुख्यालय में शनिवार को उपचुनाव और संगठनात्मक चुनाव की तैयारियों को लेकर बैठक बुलाई गई। इस बैठक में उपचुनाव के लिए बनाए गए प्रभारी और मंत्रियों को पूरी रिपोर्ट के साथ बुलाया गया है।
यूपी कैबिनेट के ये तीन मंत्री बने थे सांसद
बता दें कि प्रदेश में 60 सदस्यीय मंत्रिपरिषद हो सकता है। मार्च 2017 में योगी के कैबिनेट में 47 मंत्री बनाये गये थे। इसमें 2019 के लोकसभा चुनाव में योगी सरकार में बनाये गये तीन मंत्री सांसद बने है। सांसद बने तीन मंत्रियों सत्यदेव पचौरी, डॉ. एस.पी. सिंह बघेल और डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने त्यागपत्र दे दिया। इसके अलावा सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था।
मंत्रियों की संख्या घटकर हुई 42
इन सबके अलावा यूपी कैबिनेट में शामिल परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिल चुकी है। इसलिए सिंह भी जल्द ही मंत्रिमंडल छोड़ देंगे। ऐसी स्थिति में मंत्रिपरिषद सिर्फ 42 सदस्यीय ही रह जाएंगे।
क्षेत्रीय व जातीय असंतुलन संभालना
अभी तक योगी मंत्रिपरिषद में एक बार भी विस्तार नहीं हुआ है। साथ ही चार मंत्रियों के हटने से मंत्रिपरिषद में क्षेत्रीय व जातीय असंतुलन भी आड़े आ रहा है। इसको भी संभालना है। यूपी मंत्रिमंडल का विस्तार संघ और पार्टी नेतृत्व तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंत्रिपरिषद में कुछ को शामिल करने के साथ कुछ को तरक्की देना चाहते हैं।
इन नेताओं ने किया मंथन
इस मामले में राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, कार्यकारी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा सहित अन्य लोगों ने पूरा मंथन कर लिया है। इसमें कुछ के विभाग बदले जा सकते हैं और कुछ को महत्वपूर्ण विभाग दिया जा सकता है। इसके अलावा एक या दो राज्यमंत्रियों ऐसे भी है जिनका कद बढ़ाया जा सकता हैं।