राजेन्द्र कुमार
“सरकार आपके द्वार”। मुलायम सिंह यादव जब दूसरी बार यूपी के सीएम बने थे, तब उन्होंने ये योजना शुरू की थी। इसका मकसद था, सरकार की योजना का लाभ गांव -गांव में ग्रामीणों तक पहुँच रहा है या नही, इसका पता लगाना। इसके लिए उन्होंने प्रमुख सचिव और सचिव स्तर के अफसरों को गांवों में ग्रामीणों के साथ एक रात बिताने के लिए भेजा था। ताकि गामीणों के साथ रहते हुए सरकार के आला अफसर ये जान सकें की ग्रामीणों की दिक्कतें क्या हैं? और ग्रामीणों की भलाई के लिए चलायी जा रही योजनाओं की हकीकत क्या है? मुलायम सिंह की इस योजना को बाद में मायावती ने भी अपनाया और अखिलेश यादव ने भी।
अब इस योजना पर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अमल करने जा रहे हैं। उन्होंने तय किया है कि जनता का हाल जानने के लिए इसी जून-जुलाई में सरकार के आला अफसर गांव-गांव जायेंगे और एक गांव में रात बिताते हुए सरकारी योजनाओं की हकीकत जानेंगे। और इन अफसरों के रिपोर्ट पर सरकार ग्रामीणों की दिक्कतों को दूर करने का फैसला लेगी।
योगी सरकार के एक आला अधिकारी के अनुसार, बीते दो वर्षों में सरकार ने जो योजनाएं शुरू की उनका लाभ जनता को मिला या नहीं? इसका पता लगाने के लिए करीब एक सप्ताह से अधिक समय तक मैराथन समीक्षा बैठकों और अफसरों से सीधे संवाद के जरिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद इसका एजेंडा तय किया है। जिसके मुताबिक इसी जून-जुलाई में योगी सरकार जनता का हाल जानने के लिए गांव-गांव घूमेगी। शासन स्तर के 45 अफसर जिलों में जाएंगे। उन्हें सीएम के एजेंडे के अनुसार जानकारी एकत्र करनी होगी।
सीएम के इस एजेंडे में साफ कह गया है कि हर अधिकारी कम से कम एक गांव का दौरा जरूर करें। और हर गांव में पेयजल, शिक्षा, इलाज, सिचाई, खेती- बाडी की हकीकत से रूबरू होकर रिपोर्ट तैयार कर शासन को सौपेंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री का 21 जून से मंडलीय दौरा शुरू होगा। मंडलीय दौरों में सीएम खुद गांवों तक पहुंचेंगे। संवाद करेंगे, जनकेंद्रित योजनाओं की हकीकत परखेंगे।
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आज से करीब 25 साल पहले मुलायम सिंह यादव द्वारा शुरू की गई “सरकार आपके द्वार” योजना पर योगी सरकार का विश्वास जताना ये साबित करता है कि हाईटेक संचार उपकरणों के इस दौर में भी ये योजना अभी खरी है। यदि इसे ठीक से लागू किया जाये तो ग्रामीणों की समस्याओं का निदान तो होगा ही गांवों की दशा भी बदल जाएगी।
राज्य के मुख्य सचिव रह चुके अधिकारियों के अनुसार 1977 बैच के आईएएस अधिकारी कलिका प्रसाद ने गांव-गांव तक सरकार का इक़बाल कायम करने की सोच के तहत “सरकार आपके द्वार” योजना का मसौदा तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को सौंपा था। मुलायम ने उस पर अमल किया और आला अफसरों को गांवों में रात बिताने के लिए भेजा।
एसी कमरों में बैठने वाले आला अफसर गांव गये, ग्रामीणों से उनकी दिक्कतों की जानकारी ली और गांव में किसी के घर में रात बितायी। तो ग्रामीण क्षेत्रों में मुलायम सिंह का सम्मान बढ़ा। और जब मायावती सत्ता में आयी तो उन्होंने डीएम, कमीश्नर, प्रमुख सचिव, सचिव और एडीजी, आईजी, डीआईजी और पुलिस कप्तानों को भी हर माह तीन दिन गांव में रह कर ग्रामीणों की समस्याओं का निदान करने का आदेश दिया।
मायावती ने खुद भी ग्रामीण क्षेत्रों के दौरा कर गांव में कराये गये कार्यों का निरीक्षण किया और कमी पाए जाने पर ग्रामीणों की मौजूदगी में अफसरों को निलंबित करने का आदेश दिया। मायावती ऐसे त्वरित फैसले लेने के चलते ही नौकरशाही में उन्हें आयरन लेडी कहा जाने लगा।
अखिलेश यादव ने भी इस योजना में कुछ संशोधन करते हुए लागू किया। उन्होंने गांव में जाने वाले अफसरों को खास तौर से कुछ योजनाओं पर विशेष ध्यान देने को कहा।
इसके अनुसार हर अफसर को कृषि, गन्ना विकास, दुग्ध विकास, पशुधन, किसानों को खाद-बीज वितरण, गेहूं-धान खरीद, बिजली आपूर्ति, प्राथमिक शिक्षा, मिड डे मील, स्वास्थ्य सेवाएं, डॉ. लोहिया समग्र ग्राम्य विकास योजना, ग्रामीण पेयजल योजना, ग्रामीण सड़क योजना, लोहिया ग्रामीण आवास योजना, सिंचाई की व्यवस्था, बेरोजगारी भत्ता, कन्या विद्याधन, पेंशन योजनाएं, लैपटॉप वितरण, राजस्व संबंधी मामलों पर अलग से मुख्य सचिव जावेद उस्मानी को रिपोर्ट देने को कहा गया था।
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अखिलेश सरकार में गांव में रात बिताकर लौटे अफसरों की रिपोर्ट पर सरकार ने लापरवाही बरतने वाले अफसरों के खिलाफ एक्शन भी लिया था। पर बीते दो सालों से शासन के आला अफसर गांवो के हाल जानने नहीं गए।
लोकसभा चुनावों के दौरान ग्रामीणों ने चुनाव प्रचार करने गए नेताओं से इसकी शिकायत की। इस बारे में पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व ने सीएम योगी को इस बारे में बताया। जिसका संज्ञान लेते हुए योगी सरकार ने चलो गांव की ओर नारे के तहत ही अब ग्रामीण जनता का हाल जानने के लिए अफसरों को गांव में ग्रामीणों की समस्याओं की जानकारी कर उन्हें दूर करने की सोची है। अब देखना ये है कि इस योजना के तहत योगी सरकार ग्रामीण जनता की कितनी समस्याओं का निदान कर पाती है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)