जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सरकारी आवास 05, कालिदास मार्ग पर मंगलवार को नजारा पूरी तरह से बदला हुआ था। दरअसल यहां पर एक एक खास पाठशाला चल रही थी।
इस पाठशाला में विद्यार्थी कोई और नहीं बल्कि प्रदेश के मंत्रीगण थे। इतना ही नहीं प्रशिक्षक की भूमिका में थे, अधिकारी और तकनीकी विशेषज्ञ मौजूद रहे।
मिनिमम गवर्नमेंट-मैक्सिमम गवर्नेंस के संकल्प के साथ ही इस पाठशाला का आयोजन किया गया था। प्रदेश मंत्रिपरिषद की बैठकों को पेपरलेस करने की सरकार ने एक साहसिक कदम उठाते हुए इसका आयोजन किया था।
इस बैठक को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निगरानी में मंत्रीगणों के प्रशिक्षण का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
मुख्यमंत्री कार्यालय के अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल और सचिव आलोक कुमार ने ई-कैबिनेट के लिए तैयार किये गए नए पोर्टल के विभिन्न बिंदुओं के बारे में एक प्रस्तुतीकरण दिया।
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इस क्रम में होने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम में सभी मंत्रियों को लैपटॉप, आईपैड के साथ आमंत्रित किया गया। इसमें मंत्रियों को बताया गया कि वे कैसे इन डिजीटल उपकरणों का इस्तेमाल अपने सरकारी काम में करें। वैसे कई मंत्री पहले से ही इनका उपयोग प्रभावी तरीके से करते रहे हैं।
मंत्रियों को बताया गया कि, किस प्रकार मुख्यमंत्री के आदेश के बाद कैबिनेट मीटिंग की तिथि तय होगी, उसकी सूचना पोर्टल पर कैसे प्राप्त होगी, फिर गोपन विभाग के माध्यम से कैसे मंत्रिपरिषद के लिए टिप्पणियों को यहां एक्सेस किया जा सकेगा।
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यही नहीं, मीटिंग एजेंडा, पिछली बैठकों के एजेंडे और निर्णयोपरांत हुई कार्यवाही की जानकारी भी यहां उपलब्ध होगी। प्रस्तुतीकरण के बाद अधिकारियों और विशेषज्ञों ने मंत्रियों के टैबलेट पर पूरी कार्यवाही का अभ्यास भी कराया।
मुख्यमंत्री ने नई व्यवस्था को नए उत्तर प्रदेश की नई पहचान से जोड़ते हुए सभी मंत्रियों और उनके स्टाफ के विधिवत प्रशिक्षण के निर्देश दिए। कई मंत्रियों ने नई व्यवस्था के सम्बंध में अपनी विभिन्न जिज्ञासा भी जाहिर की, जिसका समुचित समाधान किया गया।
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डिजीटल इंडिया अभियान के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि अब सरकार पेपरलेस हो जाए। इसकी शुरुआत कैबिनेट की बैठक पेपरलेस होने से होगा।
इसके तहत मंत्रियों को एजेंडा हार्डकॉपी में नहीं, बल्कि ई-मेल या दूसरे सोशल मीडिया के जरिए भेजा जाएगा। आने वाले दिनों में कैबिनेट की बैठक पेपरलेस कराने के लिए मंत्रियों को इसी बाबत प्रशिक्षित किया जाएगा। सरकार ने सचिवालय में ई-ऑफिस पहले से ही लागू कर रखा है।