जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. अपनी दूसरी पारी खेलने मैदान में उतरी योगी आदित्यनाथ की सरकार इस बार ग्रामीणों पर मेहरबान नज़र आ रही है. सरकार ने ग्रामीणों को ऐसा नायाब तोहफा देने का फैसला किया है जिसे हासिल करने वालों के चेहरों पर लम्बे समय तक मुस्कान तैरती रहेगी.
योगी सरकार ग्रामीणों को उनके उस आवास का मालिकाना हक़ देने जा रही है जिसमें वह रह रहे हैं. मालिकाना हक़ के रूप में ग्रामीणों को घरौनी प्रमाण पत्र दिया जायेगा.
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के चार लाख ग्रामीण परिवारों को घरौनी प्रमाण पत्र का उपहार देने का फैसला किया है. इसके लिए बहुत जल्द लखनऊ में एक भव्य समारोह आयोजित किया जायेगा. अपनी सरकार के पहले कार्यकाल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 27 लाख 47 हज़ार ग्रामीणों को घरौनी प्रमाण पत्र दिया था.
राज्य सरकार के निर्देश के बाद राजस्व बोर्ड इस काम की तैयारी में जुट गया है. सरकार ने एक लाख गाँव में आवासीय सम्पत्ति के डिजीटलीकरण का आदेश दिया है. सरकार चाहती है कि ग्रामीणों को उनकी आवासीय सम्पत्ति के डिजीटल दस्तावेज़ मुहैया कराये जाएं. सरकार एक लाख गाँव की सात करोड़ 65 लाख संपत्तियां डिजीटल करने जा रही है.
सरकार ने उत्तर प्रदेश के सभी गाँव का डिजीटल मानचित्र तैयार कराने का भी फैसला किया है. इसके लिए काम पर 70 ड्रोन लगाये गए हैं. इन्हीं ड्रोन की मदद से 15 हज़ार 940 गाँव का सर्वे कराया गया और 27 लाख 47 हज़ार ग्रामीणों को घरौनी प्रमाण पत्र हासिल हुआ.
घरौनी प्रमाण पत्र के ज़रिये ग्रामीण बैंकों से ऋण हासिल कर सकेंगे. अब तक गाँव में रहने वालों को बैंक ऋण देने से मना कर देते थे क्योंकि ग्रामीणों के पास उन्हीं के मकान का मालिकाना हक़ साबित करने वाला कोई कागज़ ही नहीं होता था. ग्रामीणों की इस समस्या को दूर करने के लिए ही प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर स्वामित्व योजना तैयार की गई थी. इसी योजना के तहत योगी आदित्यनाथ की सरकार ने गाँव के मकानों के असली मालिकों को माकन का मालिकाना हक़ देने का फैसला किया है. पहले वह मालिक होकर भी उस मकान को अपना नहीं साबित कर सकते थे.
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