न्यूज डेस्क
बिहार के बाहुबली नेता राजन तिवारी के बीजेपी में शामिल होने के बाद अब पार्टी के अंदर ही विरोधी स्वर उठने लगे हैं। सूत्रों की माने तो यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से मिलकर बाहुबली राजन तिवारी के बीजेपी में शामिल होने का विरोध किया है।
सीएम योगी ने अमित शाह से कहा कि ऐसे लोगों को पार्टी में शामिल करने से पार्टी की छवि खराब होगी। राजन हत्या, लूट और अपहरण के कई संगीन मामलों के आरोपी हैं। वह पिछले कुछ महीनों में कई पार्टियों में रह चुके हैं इसमें आरजेडी, बीएसपी, आरएलएसपी प्रमुख हैं।
बताया जा रहा है कि राजन तिवारी यूपी विधान सभा का चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। देवरिया जिले की किसी ब्राह्मण बहुल सीट से वे मैदान में उतर सकते हैं।
पूर्वी यूपी में किसी मजबूत ब्राह्मण नेता की तलाश में जुटी बीजेपी ने फिलहाल राजन तिवारी पर अपनी उम्मीदे टिका दी हैं। पार्टी ज्वाइन करने के बाद वे लोकसभा चुनावो की कैम्पेनिंग भी करेंगे, जहाँ गोरखपुर और देवरिया सीटों पर बीजेपी ने ब्राह्मण प्रत्याशी उतारे हैं।
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बीजेपी की सदस्यता लेने वाले राजन तिवारी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के सोहगौरा गांव के रहने वाले हैं। उनका बचपन इसी गांव में बीता मगर पढ़ाई गोरखपुर शहर में हुई, लेकिन इन सबसे के साथ एक सवाल भी है।
योगी आदित्यनाथ और राजन तिवारी का आधार इलाका एक ही है, ऐसे में इन दो दबंग नेताओं के बीच तालमेल पार्टी कैसे बना पाएगी? क्या राजन तिवारी के बीजेपी में शामिल होने में योगी की सहमति है? गोरखपुर में तो फिलहाल यही सवाल सबसे बड़ा हो गया है।
हत्या, लूट, अपहरण के 10 से अधिक मामले दर्ज
राजन तिवारी अपराध की दुनिया में 90 के दशक में सक्रिय हुए। उन पर वर्तमान में हत्या, लूट, अपहरण के 10 से अधिक मामले दर्ज हैं। इनका नाम आरजेडी नेता और पूर्व मंत्री बृजबिहारी प्रसाद की हत्या में उछला था। इन्हें कुख्यात माफिया श्री प्रकाश शुक्ला के गैंग का बताया जाता है। यूपी में जब उन्हें मोस्ट वांटेड घोषित किया गया तो वह पुलिस से बचने के लिए बिहार में छुपकर रहने लगे थे।