- असली अनामिका शुक्ला आई मीडिया के सामने
- गोंडा के बीएसए के सामने प्रस्तुत होकर रखा अपना पक्ष
जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। एक करोड़ सैलरी लेकर यूपी सरकार को ठगने की आरोपी महिला टीचर अनामिका सिंह कौन है और कहा की रहने वाली है इसको लेकर बीते कई दिनों से कयासों का दौर चल रहा है लेकिन अब असली सच सामने आ गया है। पता चला है कि असली अनामिका शुक्ला गोंडा की रहने वाली है। एक न्यूज चैनल पर अनामिका शुक्ला ने इस पूरे मामले पर पर्दा उठाया है।
गोंडा के भुलईडीह की रहने वाली अनामिका शुक्ला ने पूरी सच्चाई मीडिया के सामने बतायी है। उन्होंने बताया कि वो गोंंडा की रहने वाली है। इतना ही नहीं उसने किसी भी जगह नौकरी नहीं की है और वो आज की तारीख पूरी तरह से बेरोजगार है। उसने साथ ही यह भी बताया कि उसके शैक्षिक अभिलेखों का दुरुपयोग किया गया है, इसको लेकर नगर कोतवाली में ऑनलाइन एफआईआर दर्ज कराई गई है।
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अनामिका शुक्ला को लेकर चला आ रहा फर्जीवाडा को लेकर आखिरकार सच सामने आ गया है। उन्होंने इस मौके पर बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. इंद्रजीत प्रजापति से मिलकर सारी बातों को लेकर सफाई पेश की है।
उन्होंने इस दौरान मूल अभिलेख दिखाते हुए कहीं भी नौकरी ना करने की बात कही है। इसके साथ उन्होंने बताया कि साल कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में विज्ञान शिक्षक के लिए सुलतानपुर, जौनपुर, बस्ती, मिर्जापुर व लखनऊ में 2017 में आवेदन किया था लेकिन, न तो काउंसिलिंग में प्रतिभाग किया और न ही कहीं नौकरी ही कर रही हैं। इस दौरान उन्होंने अपने आप को निर्दाेष बताया है।
इस पूरे मामले पर बीएसए इंद्रजीत प्रजापति ने एक न्यूज चैनल पर कहा कि इस अब इस मामले का पटाक्षेप हो गया है। उन्होंने कहा कि शैक्षिक प्रमाण पत्रों का दुरुपयोग कर फर्जी तरीके से कई लोगों ने नौकरी हासिल की है। इतना ही इससे एक बात तो साफ होती है कि अनामिका गोंडा की ही है।
एफआइआर : क्या लिखा गया है
बीएसए डॉ. इंद्रजीत प्रजापति ने बताया कि अनामिका शुक्ला आई थीं। उन्होंने मूल अभिलेख प्रस्तुत किया। शैक्षिक अभिलेखों के दुरुपयोग के मामले में उनको एफआइआर कराने के लिए कहा गया है।
बता दें कि अनामिका की पोस्टिंग उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, अंबेडकरनगर, अलीगढ़, सहारनपुर, बागपत जैसे जिलों के कतूरबा गांधी बालिका विद्यालय पाई गई है। इन स्कूलों में टीचर्स की नियुक्ति कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर होती है और हर महीने 30 हजार रुपये की सैलरी मिलती है। जिले के हर ब्लॉक में एक कस्तूरबा गांधी विद्यालय है। समाज के कमजोर तबके से आने वाली लड़कियों के लिए इन स्कूलों में आवासीय सुविधा भी होती है।