न्यूज डेस्क
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने यस बैंक (Yes Bank) के संस्थापक राणा कपूर को लंबी पूछताछ के बाद शनिवार देर रात तीन बजे गिरफ्तार कर लिया। मुंबई स्थित ईडी कार्यालय में शनिवार देर को करीब 20 घंटे तक पूछताछ की गई।
राणा कपूर को रविवार सुबह करीब 11 बजे कोर्ट में पेश किया जाएगा। ईडी ने शनिवार को वर्ली में राणा कपूर के समुंद्र महल आवास में अपनी जांच जारी रखी। ईडी इस बात की जांच कर रहा है कि क्या यस बैंक प्रमोटर राणा कपूर और उनकी दो बेटियों की डमी कंपनी अर्बन वेंचर्स को घोटालेबाजों से 600 करोड़ रुपये मिले थे।
भ्रष्टाचार में लिप्त डीएचएफएल ने बैंक द्वारा दिए गए 4,450 करोड़ रुपये के लिए इस कंपनी को पैसे दिए थे, जिसकी जांच की जा रही थी। ईडी अधिकारियों ने कहा कि यस बैंक ने डीएचएफएल को 3,750 करोड़ रुपये का ऋण और डीएचएफएल द्वारा नियंत्रित फर्म आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स को 750 करोड़ रुपये का एक और ऋण किया था।
इससे पहले यस बैंक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने बैंक के पूर्व प्रमोटर और संस्थापक राणा कपूर के घर पर छापेमारी भी की थी।
ईडी ने बैंक के संस्थापक और इस संकट के सामने आने से पहले बोर्ड एग्जिट कर चुके बैंक के पूर्व सीईओ राणा कपूर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है।
आपको बता दें कि RBI ने राणा कपूर को अगस्त 2018 में पद छोड़ने के लिए कहा था। इसके बाद उन्हें 31 जवनरी 2019 को अपना पद छोड़ना पड़ा।
गौरतलब है कि बीते कुछ समय में यस बैंक के गवर्नेंस पर लगातार सवालिया निशान खड़े होते रहे हैं। इसीलिए बैंक के मार्केट कैपिटलाइजेशन में लगातार गिरावट देखने को मिली है। कॉरपोरेट सेक्टर में राणा कपूर का नेटवर्क मजबूत माना जाता है।
बैंक को कई महत्वपूर्ण डील दिलाने में कपूर ने अहम भूमिका निभाई थी। कपूर ने उन कंपनियों को भी पूंजीगत मदद दी, जिन्हें अन्य उधारकर्ता कर्ज देने से कतराते थे। लेकिन कभी मास्टरस्ट्रोक समझा जाना वाला यह कदम अब यस बैंक के लिए सबसे बुरी कहानी बन गया है।