जुबिली न्यूज डेस्क
साल 2023 अब कुछ दिनों में खत्म होने वाला है, लेकिन यह साल भारत के लिए कई क्षेत्रों में बेहद शानदार साबित हुआ है। इस साल भारत ने खास उपलब्धियां हासिल कर कई वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए हैं। ये साल देश के लिए बहुत खास रहा है।
देश के नाम हुए कई रिकॉर्ड
भारत सरकार की ओर से एक खास वीडियो भी शेयर किया गया है, जिसमें 10 ऐसी उपलब्धियों का जिक्र किया है, जिसने वैश्विक मंच पर भारत की अमिट छाप छोड़ी है। इस खबर में आपको बताएंगे कि किन 10 उपलब्धियों ने भारत को एक नए मुकाम पर पहुंचा दिया है।
चंद्रयान 3 की दक्षिणी ध्रुव पर ऐतिहासिक लैंडिंग
इस साल अगस्त में भारत ने सफल चंद्रयान-3 मिशन के तहत यान को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कराई, जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इस उपलब्धि ने न केवल वैश्विक मंच पर भारत का मान बढ़ाया है, बल्कि चांद को समझने और परखने की एक सीढ़ी भी चढ़ा है। भारत की इस उपलब्धि के साथ सिर्फ देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को एक बड़ी छलांग मिली है।
भारत में दुनिया का सबसे तेज 5G रोलआउट
दुनिया के सबसे तेज 5G रोलआउट को हासिल कर के भारत ने एक और रिकॉर्ड बना लिया है। दरअसल, यह नेटवर्क देश के 738 जिलों और लगभग 100 मिलियन यूजर्स को सेवा देता है। 5G का इतनी तेजी से रोलआउट होने भारत का तकनीकी क्षेत्र में प्रगति का एक बेहतरीन प्रमाण है।
एयर इंडिया की रिकॉर्ड तोड़ एयरक्राफ्ट डील
भारत सरकार की ओर से जो वीडियो रिलीज किया गया है, उसमें दुनिया के सबसे बड़े विमान सौदे को सील करने में एयर इंडिया की उपलब्धि का भी जिक्र किया गया है। दरअसल, इस डील के साथ भारत ने विमानन उद्योग में एक प्रमुखता हासिल की है।
दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था
दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का खिताब इस साल भारत को मिला है। भारत ने दावा किया है कि वह दुनिया के टॉप 3 देशों में शामिल होगा, जिसका एक बेहतरीन प्रमाण है। इस आर्थिक उछाल ने दुनिया भर से ध्यान और प्रशंसा हासिल की है।
डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण वृद्धि
भारत सरकार ने डिजिटलीकरण पर काफी जोर दिया है। इसी कड़ी में आज भारत डिजिटल भुगतान में अग्रणी बनकर उभरा है। दरअसल, दुनिया में सबसे अधिक डिजिटल पेमेंट भारत में ही की जा रही है। डिजिटल इंडिया का सपना लगभग पूरा होता नजर आ रहा है। वर्तमान समय में एक फेरीवाले से लेकर एक बिजनेसमैन तक सबके पास ही डिजिटल पेमेंट का ऑप्शन है।
22 लाख दीयों के साथ बनाया गिनीज रिकॉर्ड
इस साल उत्तर प्रदेश ने दीपोत्सव पर 22 लाख से अधिक दीयों से अयोध्या को रोशन करके इतिहास रच दिया है। दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक रथ जुलूस में शामिल हुए और दीपोत्सव समारोह के दौरान एक साथ 22 लाख दीपक जलाकर अयोध्या ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड हासिल किया है। इससे भारत ने संस्कृति और एकता की जीत हासिल की है। भारत ने अपनी संस्कृति के दम पर एक नया रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है।
योग सेशन का बना वर्ल्ड रिकॉर्ड
इस साल पीएम मोदी के नेतृत्व में संयुक्त राष्ट्र में आयोजित हुए विशाल योग सत्र ने भी वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया है। योग कार्यक्रम में पीएम मोदी के साथ कई देशों के लोगों ने योग किया था। एक साथ कई देशों के लोगों के साथ में योग करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बना है। इस कार्यक्रम से भारत ने न केवल गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज किया, बल्कि वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य और जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए अपने समर्पण को भी दर्शाया है।
दुनिया की सबसे लंबी नदी क्रूज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल दुनिया की सबसे लंबी नदी क्रूज और भारत की पहली निर्मित क्रूज जहाज एमवी गंगा विलास को लॉन्च किया है। यह क्रूज 3200 किमी की दूरी को 51 दिनों में पूरा करती है और बांग्लादेश होते हुए असम के डिब्रूगढ़ में इसका सफर पूरा होता है। इस क्रूज में तीन डेक, 18 सुइट्स, 36 पर्यटकों की सुविधा और आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं।
दुनिया का सबसे बड़ा ऑफिस कॉम्प्लेक्स
दुनिया के सबसे बड़े ऑफिस कॉम्प्लेक्स का हाल ही में गुजरात के सूरत में उद्घाटन किया गया है। इसमें 4,500 से अधिक हीरा व्यापार कार्यालय हैं। यहां कच्चे हीरे के व्यापार से लेकर पॉलिश हीरे की बिक्री करने वाली कई कंपनियों का ऑफिस होगा। सूरत डायमंड बोर्स बिल्डिंग 67 लाख वर्ग फुट से अधिक क्षेत्र वाला दुनिया का सबसे बड़ा कार्यालय परिसर है। इस कॉम्प्लेक्स ने अमेरिका के रक्षा विभाग पेंटागन के मुख्यालय भवन को भी पछाड़ दिया है।
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विश्व का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में पीएम मोदी ने हाल ही में दुनिया के सबसे बड़े मेडिटेशन सेंटर स्वर्वेद महामंदिर का उद्घाटन किया है। इस सात मंजिला महामंदिर में एक साथ 20 हजार लोग ध्यान कर सकते हैं। यह स्वर्वेद महामंदिर 3,00,000 वर्ग फुट के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है। स्वर्वेद महामंदिर की नींव 2004 में सद्गुरु आचार्य स्वतंत्र देव और संत प्रवर विज्ञान देव ने रखी थी। इसे पूरा होने में लगभग 20 साल का समय लगा है।