जुबिली स्पेशल डेस्क
भारतीय कुश्ती में चल रहे संकट ने बुधवार को एक और हैरान करने की बात तब सामने आई जब सैकड़ों जूनियर पहलवानों ने सीनियर पहलवान बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
इनका कहना है कि तीन पहलवानों के चक्कर में उनके करियर के एक महत्वपूर्ण वर्ष के नुकसान हुआ है। अब जूनियर पहलवानों ने जंतर मंतर पर पहुंचे और धरना प्रदर्शन करने लगे।
बसों में भरकर जूनियर पहलवान उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों से पहुंचे और सीनियर पहलवान बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं। इस बीच पुलिसकर्मियों को इन जूनियर पहलवानों को नियंत्रित करने के लिए संघर्ष करना पड़ा।
एड-हॉक पैनल फिलहाल काम कर रहा है लेकिन इससे विवाद के चलते कुश्ती के खिलाडिय़ों को मुश्किल भरा सफर तय करना पड़ा रहा है क्योंकि जनवरी 2023 से राष्ट्रीय शिविर और प्रतियोगिताएं रुकी हुई हैं क्योंकि कुश्ती संघ को दो बार निलंबित कर दिया गया है और एक एड-हॉक पैनल फिलहाल खेल का संचालन कर रहा है।
वहीं अब जूनियर खिलाडिय़ों की मांग है कि खेल मंत्रालय द्वारा खेल को चलाने के लिए नियुक्त किए गए एड-हॉक पैनल को भंग करके निलंबित डब्ल्यूएफआई को बहाल किया जाए।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और तस्वीरों में देखा जा सकता है कि ये पहलवान हाथों में बैनर थे, जिन पर लिखा था, ‘UWW हमारी कुश्ती को इन 3 पहलवानों से बचाएं, कर दिया देश की कुश्ती को बर्बाद।
बता दे कि भारतीय कुश्ती संघ के निलंबन के बाद उसका कामकाज देखने के लिए भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने तीन सदस्यों की एक एडहॉक कमेटी बनाई है। आईओए की कार्यकारी समिति के सदस्य भूपिंदर सिंह बाजवा को इस एडहॉक पैनल का अध्यक्ष बनाया गया है।
भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान एमएम सोमाया और भारतीय टीम की पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी मंजूषा कंवर इसके सदस्य होंगे. भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा की ओर से बुधवार को जारी एक आदेश में यह जानकारी दी गई है.
डब्ल्यूएफआई के पिछले हफ़्ते हुए चुनाव के पहले भूपिंदर सिंह बाजवा के नेतृत्व में ही एडहॉक पैनल काम कर रहा था। हालांकि संजय सिंह के अध्यक्ष बनते ही इस पैनल की ज़रूरत ख़त्म हो गई थी। वहीं संजय सिंह के नेतृत्व वाली डब्ल्यूएफआई ने एडहॉक पैनल के लिए सारे फ़ैसलों को रद्द कर दिया।