Monday - 28 October 2024 - 4:46 AM

पहलवानों ने लिखा पीटी उषा को लेटर, अब गेंद IOA के पाले में

जुबिली स्पेशल डेस्क

भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण की कुर्सी जाने का खतरा लगातार बढ़ रहा है। हालांकि
जब से पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण के खिलाफ यौन शोषण और उत्पीडऩ के आरोप लगाया है तब से उनके ऊपर इस्तीफा देने का दबाव बन रहा है लेकिन उन्होंने साफ कर दिया वो अभी फिलहाल अपनी कुर्सी छोडऩे वाले नहीं है।

उधर खेल मंत्रालय ने साफ कर दिया है अब सरकार के पास बृजभूषण शरण सिंह को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं है। खेल मंत्री ने पहलवानों से कहा कि बृजभूषण शरण सिंह चुनी हुई संस्था के अध्यक्ष है। इस वजह से उनको सरकार उनको बर्खास्त नहीं कर सकती है। ]

वहीं अभी तक इस मामले में चुप्पी साधने वाला भी अब नींद से जाग गया है और उसने अपने कड़े तेवर दिखाने शुरू कर दिए है।

बीती रात पीटी उषा ने पूरे मामले को लेकर ट्वीट किया था। उन्होंने कहा था कि IOA अध्यक्ष के रूप में, मैं सदस्यों के साथ इस मामले पर चर्चा कर रही हूं। एथलीटों का कल्याण और भलाई IOA की सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम एथलीटों से अनुरोध करते हैं कि वे आगे आएं और अपनी चिंताओं को हमारे साथ रखें।

उन्होंने ये भी कहा कि न्याय सुनिश्चित करने के लिए पूरी जांच की जाएगी। हमने भविष्य में उत्पन्न होने वाली ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए त्वरित कार्रवाई के लिए एक विशेष समिति गठित करने का भी निर्णय लिया है।

दरअसल पीडि़त पहलवानों ने शरण को उनके पद से हटाने की मांग की है। वहीं धरने पर बैठे पहलवानों ने इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा को पत्र लिखा है। उन्होंने पीटीउषा से शरण की शिकायत की है।

IOA के सामने रखी चार मांगें

पहलवान विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, रवि दहिया और दीपक पूनिया ने संयुक्त तौर पर ये चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में पीटी उषा के सामने चार मांगें रखी गई हैं।

  1. IOA यौन शोषण की शिकायत की जांच के लिए फौरन एक कमेटी का गठन करे
  2. भारतीय कुश्ती महासंघ अध्यक्ष बृजभूषण शरण इस्तीफा दें
  3. भारतीय कुश्ती महासंघ भंग हो
  4. भारतीय कुश्ती महासंघ के लिए नई कमेटी बनाई जाए

उधर खेल मंत्री की ओर से पहलवानों को आश्वासन दिया गया कि अगर खिलाड़ी सहमत हों तो जांच रिपोर्ट आने तक बृजभूषण शरण सिंह खुद को कुश्ती संघ से अलग कर सकते है।

इसके अलावा जिन कोच के ऊपर आरोप हैं, वे भी जांच पूरी होने तक कुश्ती संघ से अलग हो सकते है। सरकार ने खिलाडय़िों से कहा कि यौन उत्पीडऩ के आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई जा सकती है और इसके तीनों सदस्यों के नाम खिलाड़ी ही दे सकते हैं।

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