जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। बृजभूषण शरण सिंह इन दिनों ये नाम अच्छा खासा चर्चा में बना हुआ है। हालांकि भारतीय कुश्ती के साथ-साथ भारतीय राजनीति में बृजभूषण शरण सिंह कोई नया नाम नहीं है।
दरअसल भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण पर भारत के शीर्ष पहलवानों ने यौन उत्पीडऩ और डराने-धमकाने के आरोप जब से लगाया तब से उनकी कुर्सी खतरे में आ गई है।
अभी तक सरकार ने इस मामले में चुप्पी साध रखी थी लेकिन अब सरकार ने पहवानों से इस मामले में विस्तार से बात की है।
सबसे पहले गृहमंत्री अमित शाह ने पहलवाना से बातचीत की थी और अब खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले पहलवानों से बात की और सरकार जल्द से जल्द इस मामले को खत्म करना चाहती है।
बताया जा रहा है कि छह घंटे की मैराठन बैठक के दौरान बुधवार, 7 जून को सरकार ने पहलवानों को 15 जून तक पुलिस कार्रवाई पूरी होने और चार्जशीट दाखिल होने का आश्वासन दिया। साथ ही पहलवानों पर से 28 मई को दर्ज हुए एफआईआर भी वापस लेने की बात कही गई।
पहलवानों ने इसके साथ ही 15 जून तक धरने को स्थगित कर दिया। वहीं फेडरेशन का चुनाव 30 जून तक कराने की बात भी कही है।
बैठक के बाद बजरंग पूनिया ने मीडिया के सामने आये और बताया कि सरकार से क्या बातचीत हुई है। बजरंग के अनुसार सरकार ने पुलिस की कार्रवाई 15 जून तक पूरी करने की बात कही है।
धरने में हिस्सा ले रहे महिला, पुरुष खिलाडियों की सुरक्षा की भी बात कही है और 28 मई की रात को हम पर जितने भी मामले दर्ज हुए हैं वह वापस लेने की भी बात कही है। उन्होंने 15 जून तक धरने को स्थगित होने की जानकारी देते हुए कहा कि हमारा प्रदर्शन खत्म नहीं हुआ है। हमारा प्रदर्शन चलता रहेगा।