जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। धरने पर बैठे पहलवानों ने रविवार 28 मई को नई संसद के सामने महिला महापंचायत करने का फैसला किया था। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई और फिर सारे पहलवान आगे बढऩे लगे लेकिन उनको दिल्ली पुलिस ने बीच में रोक लिया।
इस दौरान पहलवानों और दिल्ली पुलिस के बीच जोरदार झड़प देखने को मिली। सोशल मीडिया पर इस पूरी घटना का वीडियो भी काफी तेजी से वायरल हो रहा है।
इसके साथ ही पुलिस ने जंतर मंतर पर धारा 144 लागू करने के बाद कहा था कि अब वो पहलवानों को दोबारा वहां लौटने नहीं दिया जाएगा।
इस बीच इस पूरे विवाद के बीच एक भडक़ाऊ ट्वीट वायरल भी हो गया है। यह ट्वीट डॉ. एनसी अस्थाना आईपीएस रिटायर्ड के हैंडल से किया गया है।
ये ट्वीट काफी भडक़ाऊ है। इस पर बजरंग पूनिया ने करारा जवाब दिया है। डॉ. एनसी अस्थाना आईपीएस रिटायर्ड के हैंडल से ट्वीट किया गया, ‘ज़रूरत हुई तो गोली भी मारेंगे। मगर, तुम्हारे कहने से नहीं।अभी तो सिर्फ कचरे के बोरे की तरह घसीट कर फेंका है। दफ़ा 129 में पुलिस को गोली मारने का अधिकार है. उचित परिस्थितियों में वो हसरत भी पूरी होगी। मगर वह जानने के लिये पढ़ालिखा होना आवश्यक है।
फिर मिलेंगे पोस्टमॉर्टम टेबल पर!’इसके बाद बजरंब पूनिया ने एनसी अस्थाना को जवाब देते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘ये आईपीएल ऑफिसर हमें गोली मारने की बात कर रहा है। भाई सामने खड़े हैं, बता कहाँ आना है गोली खाने क़सम है पीठ नहीं दिखाएँगे, सीने पे खाएँगे तेरी गोली। यो ही रह गया है अब हमारे साथ करना तो यो भी सही।’
ये IPS ऑफिसर हमें गोली मारने की बात कर रहा है। भाई सामने खड़े हैं, बता कहाँ आना है गोली खाने… क़सम है पीठ नहीं दिखाएँगे, सीने पे खाएँगे तेरी गोली। यो ही रह गया है अब हमारे साथ करना तो यो भी सही। https://t.co/jgZofGj5QC
— Bajrang Punia 🇮🇳 (@BajrangPunia) May 29, 2023
कुमार विश्वास ने भी भड़काऊ ट्वीट करने वाले एनसी अस्थाना को जवाब दिया। उन्होंने लिखा, ‘ किसान-आंदोलन के समय बालकनी में कैक्टस उगाने वाले फ़ेसबुक-क्रांतिकारी जब किसानों को गालियां दे रहे थे तब भी कहा था आज फिर कह रहा हूं। आप किसी भी आंदोलन के मुद्दे से सहमत-असहमत हो सकते हैं किंतु दोनों पक्षों को कम से कम संवैधानिक मर्यादा व संवेदनशीलता तो रखनी ही होगी। ओछी-भाषा, अहंकार व हठधर्मिता आपको सुकून व वाँछित कृपा तो दे सकते है किंतु भारत नामक समावेशी-विचार के विपरीत जाते है. ईश्वर सद्-बुद्धि दें और समय रहते न्याय करे। ’
किसान-आंदोलन के समय बालकनी में कैक्टस उगाने वाले फ़ेसबुक-क्रांतिकारी जब किसानों को गालियाँ दे रहे थे तब भी कहा था आज फिर कह रहा हूँ-
“आप किसी भी आंदोलन के मुद्दे से सहमत-असहमत हो सकते हैं किंतु दोनों पक्षों को कम से कम संवैधानिक मर्यादा व संवेदनशीलता तो रखनी ही होगी।ओछी-भाषा,… https://t.co/5pTDA5O8lY— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) May 29, 2023
इससे पहले बजरंग पूनिया ने कहा, जब तक न्याय नहीं मिल जाता तब तक घर जाने का कोई मतलब ही नही है, मैं बाकी पहलवानों से मिलूंगा और हम सब मिलकर तय करेंगे कि आगे क्या करना है। उन्होंने कहा, यह इस देश का दुर्भाग्य है कि एक एक यौन उत्पीड़न का आरोपी नए संसद भवन के उद्घाटन में शामिल हुआ। दिल्ली पुलिस ने हमपर 7 घंटे में FIR दर्ज कर दी लेकिन इन्हें बृजभूषण के खिलाफ FIR दर्ज करने में 7 दिन लग गए।