न्यूज डेस्क
नया संसोधित मोटर अधिनियम देश में एक सितंबर से लागू होने के बाद से ताबड़तोड़ चालान कट रहे हैं। अब तक देश के कई हिस्सों से चालान के कई अजीबोगरीब मामले आ चुके हैं। ऐसा ही एक मामला बिजनौर में आया है। पुलिस ने एक बैलगाड़ी मालिक का चालान काट दिया।
बिजनौर के साहसपुर में 14 सितंबर को पुलिस ने एक बैलगाड़ी मालिक को चालान थमा दिया, जबकि मोटर वीइकल ऐक्ट में बैलगाड़ी पर जुर्माने का कोई प्रावधान नहीं है। जब पुलिस को अपनी गलती का एहसास हुआ तो पुलिस ने चालान कैंसल करने का फैसला लिया।
14 सितंबर को मालिक रियाज हसन ने अपने खेत के बगल में बैलगाड़ी खड़ी की थी। इतने में सब इंस्पेक्टर पंकज कुमार के साथ एक पुलिस टीम वहां पहुंची जो उस इलाके में पट्रोलिंग कर रही थी। पुलिस ने देखा कि बैलगाड़ी के आस-पास कोई मौजूद नहीं है। ग्रामीणों से पूछताछ कर पता किया तो मालूम हुआ कि यह हसन की बैलगाड़ी है।
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पुलिस वाले बैलगाड़ी लेकर हसन के घर पहुंच गए और अबीमाकृत वाहन को चलाने वाले मोटर वीइकल ऐक्ट के सेक्शन 81 के तहत 1 हजार रुपये का चालान थमा दिया।
इस मामले में हसन ने कहा कि मेरा चालान कैसे कट सकता है जब मैंने अपने ही खेत के बाहर अपना वाहन खड़ा किया था। उन्होंने मोटर वीइकल ऐक्ट के तहत मेरी बैलगाड़ी का चालान कैसे काट दिया? इसके बाद रविवार को उनका चालान रद्द कर दिया गया।
इस मामले में साहसपुर पुलिस थाने के प्रभारी पीडी भट्ट ने बताया कि अवैध खनन की सूचना मिलने के बाद पुलिस टीम इलाके में पट्रोलिंग कर रही थी। उन्होंने कहा कि अधिकांश गांव वाले बैलगाड़ी के जरिए खनन की रेत ले जाते हैं। पुलिस टीम को लगा कि हसन की गाड़ी का भी इस मकसद से इस्तेमाल हुआ होगा। पुलिस टीम मोटर वीइकल ऐक्ट के तहत काटे जाने वाले चालान और दूसरे अपराधों में अंतर नहीं कर पाई और आईपीसी की धारा के बजाय मोटर वीइकल ऐक्ट के तहत चालान काट दिया।
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