न्यूज डेस्क
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ को मंगलवार को पाक अदालत ने देशद्रोह के मामले में फांसी की सजा सुनाई थी। इस मामले को लेकर पाकिस्तानी सेना अदालत के सामने आ गई है। सेना ने अदालत के फैसले पर सवाल उठाया है। अगर यह मामला खिंचता है तो पाक में संवैधानिक संकट उत्पन्न हो सकता है।
पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के पक्ष में पाकिस्तान सेना उतर गई है। पाक सेना के भारी विरोध की वजह से इमरान सरकार बैकफुट पर आ गई है। सूचना मंत्री डॉ. फिरदौस अवान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मुशर्रफ की मौत की सजा की सरकार खुद विस्तार से समीक्षा करेगी।
हालांकि, प्रधानमंत्री इमरान खान ने आज कैबिनेट की बैठक बुलाई है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि इस बैठक में मुशर्रफ का मुद्दा उठ सकता है।
क्यों हुआ विवाद
यह विवाद सेना के एक पत्र से शुरु हुआ है। यह पत्र वायरल हो रहा है। अदालत द्वारा मुशर्रफ को मौत की सजा सुनाए जाने के बाद से सेना ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए अभियान छेड़ रखा है।
सोशल मीडिया पर यह बहस तेज हो गई है। सेना ने पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की वीरता की तारीफ की है। पाकिस्तान के डीजी आइएसपीआर ने इसे लेकर एक ट्वीट किया और एक पत्र जारी किया है। सेना ने इस पत्र को शेयर किया है।
Statement on decision by Special court about General Pervez Musharraf, Retired. pic.twitter.com/C9UAMT1E4W
— DG ISPR (@OfficialDGISPR) December 17, 2019
इस पत्र में कहा गया है कि पूर्व सेना प्रमुख, स्टाफ कमिटी के ज्वाइंट चीफ और पूर्व राष्ट्रपति, जिसने 40 साल तक देश की सेवा की, कई अहम युद्धों ने भाग हिस्सा लिया, ऐसे में वह गद्दार कैसे हो सकते हैं। इस पत्र के माध्यम से सेना ने पूर्व राष्ट्रपति का समर्थन किया है।
इतना ही नहीं सेना ने अदालत के फैसले पर भी सवाल उठाया है। सेना का तर्क है कि अदालत ने सजा देने की प्रक्रिया में पाक के संविधान की अनदेखी की है। आत्मरक्षा के अधिकार का उल्लंघन किया गया है। इसमें मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया गया है। सेना के इस पत्र में कहा गया है कि हम उम्मीद करते हैं कि परवेज मुशर्रफ के साथ न्याय किया जाएगा।
मालूम हो कि पाक के पूर्व राष्ट्रपति व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ को देशद्रोह के मामले में फांसी की सजा सुनाई गई है। उन पर आपातकाल लगाने का आरोप था। उन्होंने नवंबर 2009 में पाकिस्तान में आपातकाल लगाया था। इसके बाद 2013 में शरीफ की सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ केस दर्ज किया था। मौत की सजा पाने वाले मुशर्रफ पाकिस्तान के दूसरे राष्ट्रपति हैं।
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