धुम्रपान की आदत ऐसी होती है कि आप कही भी रहे आपको उसकी तलाव लगती है। कई लोग घर में धूमपान करते हैं। जिससे उनके बच्चे ना चाहते हुए भी धुम्रपान के शिकार हो जाते हैं।जो बहुत नुकसानदायक हैं ।
सिगरेट व बीड़ी के धुएं के कारण बच्चों का सामान्य विकास अवरूद्ध हो जाता है। साथ ही उसका वजन और हाइट दोनों ही दूसरे के मुकाबले कम होती है। इसके अलावा उन्हें कम सुनने की समस्या पैदा हो सकती है।
सिगरेट का धुएं बच्चों के सांस लेने में परेशनी होने लगती है. जिससे उन्हें अस्थमा की भी शिकायत होने लगती है। अगर बच्चे में अस्थमा की शिकायत पहले से है तो अस्थमा और बढ़ सकता है। साथ ही उसे अनियंत्रित दौरे भी पड़ सकते हैं।
बच्चे व्यस्कों से ज्यादा तेज गति से सांस लेते हैं इसलिए उनके फेफड़ों में भी व्यस्कों के मुकाबले अधिक धुआं जाता है। जिन घरों में सिगरेट या बीड़ी का धुआं-धुआं रह-रहकर उठता है उन घरों के बच्चे तंबाकू के धुएं में ही सांस लेते हुए बड़े होते हैं।
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प्रेग्नेंसी की अवस्था में सिगरेट या बीड़ी पीने वाली महिलाओं को कम वजन के बच्चे पैदा होते हैं। ऐसे बच्चों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। साथ ही वह बहुत जल्द ही किसी बीमारी से घिर जाते हैं। ऐसे बच्चों को दिमागी लकवे की शिकायत हो सकती है।