स्थानीय मीडिया की माने तो अमेरिका ने नई मानवीय सहायता के रूप में 64 मिलियन डॉलर देने का वादा किया है। संयुक्त राष्ट्र (यूनाइटेड नेशन) में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉम्पसन-ग्रीनफील्ड ने इस बात का एलान किया है और इसे आर्थिक सहायता को मानवीय सहायता के रूप में बताया है….
जुबिली स्पेशल डेस्क
अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा हो चुका है और वहां पर अंतरिम सरकार के गठन भी हो गया है। उधर अमेरिका ने अफगानिस्तान को लेकर बड़ा एलान किया है।
जानकारी के मुताबिक अफगानिस्तान के लोगों के लिए आर्थिक मदद करने के लिए अमेरिका ने सोमवार को बड़ा फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि अफगानिस्तान की जनता के लिए तकरीबन 64 मिलियन डॉलर की मदद करने जा रहा है।
अमेरिका ने इसको नई मानवीय सहायता करार देते हुए 64 मिलियन डॉलर देने का वादा कर डाला है। अमेरिका ने अफगानिस्तान के जमीनी हालात को देखा है और समझने के बाद आकलन किया है।
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इसके बाद वो इस नतीजे पर पहुंचा है। बता दें कि 15 अगस्त को तालिबानी लड़ाकों ने राजधानी काबुल पर कब्जा कर लिया था और काफी दिनों बाद वहां पर तालिबान की नई सरकार का गठन हुआ है। इस दौरान अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी को रातों-रात देश छोडक़र भागना पड़ा था।
उधर अमेरिका सेना ने भी 31 अगस्त को अफगानिस्तान छोड़ दिया था। इसके बाद वहां पर तालिबान ने नई सरकार का गठन किया। इस नई सरकार में मुल्ला हसन अखुंद को प्रधानमंत्री बनाया गया है।
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हालांकि अफगानिस्तान पर कब्जाकर अपनी हुकूमत जमाने वाली तालिबान सरकार ने शपथ ग्रहण समारोह को लेकर बड़ा बयान दिया था । फिलहाल तालिबानी सरकार अब अपना शपथ ग्रहण समारोह आयोजित नहीं करेगी।
ट्विटर पर अफगान सरकार के सांस्कृतिक आयोग के सदस्य इनामुल्ला समांगानी ने कहा था कि अफगान सरकार का शपथ-ग्रहण समारोह कुछ दिनों पहले रद्द कर दिया गया था। लोगों को और भ्रमित न करने के लिए इस्लामिक अमीरात के नेतृत्व ने कैबिनेट की घोषणा की और यह पहले से ही काम करना शुरू कर दिया है।
हालांकि तालिबान ने सरकार गठन से पहले ही चीन, तुर्की, पाकिस्तान, ईरान, कतर और भारत जैसे पड़ोसी देशों के साथ ही अमेरिका को भी शपथ ग्रहण में शामिल होने का निमंत्रण दिया था।