न्यूज डेस्क
कश्मीर में आतंकवादी घटनाएं किसकी शह पर होती है, पूरी दुनिया जानती है, बावजूद इसके 30 सालों से नजरअंदाज किया जाता है। पाकिस्तान डंके की चोट पर कश्मीर में तबाही मचाए हुए है, फिर भी इसे रोकने की कोशिश नहीं की जा रही है। ऐसा ही कुछ आरोप कश्मीर की एक पत्रकार ने लगाया है।
कश्मीर की पत्रकार आरती टिक्कू सिंह ने 22 अक्टूबर को पाकिस्तान के आतंकवाद और वहां होने वाले मानवाधिकारों पीडि़तों की कहानी सुनाई। आरती कश्मीर की एक वरिष्ठ पत्रकार हैं।
आरती ने अमेरिका के वाशिंगटन में विदेश मामलों की एक समिति की ‘दक्षिण एशिया में मानव अधिकार’ पर सुनवाई के दौरान कहा कि 14 जून 2018 को श्रीनगर में लश्कर-ए-तैयबा ने शुजात बुखारी को मार गिया। यह वही आतंकी संगठन है जिसने मुंबई में आतंकी हमला किया और जिस पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाया हुआ है।
आरती ने अमेरिका में पूछा कि आखिर क्यों उन्होंने बुखारी को मारा? क्योंकि शुजात पाकिस्तान में हिंसा और मानवाधिकारों के हनन को कम करना चाहते थे। उन्होंने उन्हें इसलिए मारा क्योंकि वह शांति चाहते थे। आरती ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा कश्मीर में 30 सालों से किए जा रहे इस्लामिक जिहाद, कट्टरता और आतंकवाद को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया और विश्व प्रेस ने भी इसकी अनदेखी की।
Aarti Tikoo Singh, senior Indian journalist from Kashmir at US House Foreign Affairs Committee hearing on 'Human Rights in South Asia': Why did they kill him? Because Shujaat wanted Pakistan to end violence & human rights abuse in Kashmir, they killed him because he wanted peace. https://t.co/y0rWRVv1J6
— ANI (@ANI) October 22, 2019
उन्होंने कहा, ‘दुनिया में कोई भी मानवाधिकार कार्यकर्ता और प्रेस नहीं है जो यह महसूस करता है कि कश्मीर में पाकिस्तानी आतंक के पीडि़तों के बारे में बात करना उनका नैतिक दायित्व है। इसे अब तक की सबसे दूषित पत्रकारिता कहा जा सकता है। मैं यहां कश्मीर के जिन पीडि़तों का मुद्दा उठा रही हूं उन्हें पाकिस्तान के आतंकी संगठनों ने मारा है। आतंकियों ने कश्मीर में जिन लोगों की हत्या की है उसमें मुसलमानों की संख्या ज्यादा है।’
आरती टिक्कूू ने जिन कश्मीरी पत्रकार शुजात बुखारी का जिक्र किया वह राइजिंग कश्मीर के संपादक थे। बुखारी की हत्या की पुलिस जांच में सामने आया था कि आतंकी संगठन लश्कर ने उनकी हत्या करवाई थी। हत्या में शामिल चारों आरोपी लश्कर से जुड़े हुए हैं। बुखारी और उनके पीएसओ की आतंकियों ने पिछले साल जून में हत्या कर दी थी। प्रेस इन्क्लेव के पास उनकी गाड़ी को घेरकर आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग की और उसके बाद वे मौके से फरार हो गए।
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