आज वर्ल्ड में विश्व स्वास्थ दिवस मना रहा है। 1948 में डब्ल्यूएचओ स्थापना 7 अप्रैल को हुई थी। इसके दो साल बाद 1950 से हर वर्ष 7 अप्रैल को स्वास्थ्य दिवस मनाया जाने लगा, जिसका मकसद दुनिया में अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं तक ज्यादा से ज्यादा लोगों की पहुंच सुनिश्चित करना है।
इस बार की थीम है- हेल्थ कवरेज : एवरीवन, एवरीवेयर
हर साल डब्ल्यूएचओ स्वास्थ्य दिवस पर थीम निर्धारित करता है। जहां पिछले साल अवसाद की समस्या से संबंधित थीम रखी गई थी वहीं इस साल यूनिवर्सल थीम हेल्थ कवरेज एवरीवन, एवरीवेयर रखी गई है। इसका मतलब है कि सभी वर्ग के लोगों को बिना किसी वित्तीय कठिनाई के बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिले।
स्पेन नंम्बर-1
बता दें की विश्व स्वास्थ्य संगठन में 194 देश सदस्य है, जो कि सबसे स्वस्थ देश से लेकर किस देश की हालात ख़राब है, की एक सूची जारी करता है। हाल ही में आई ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में स्पेन को दुनिया का सबसे स्वस्थ देश माना गया था।
करीब साढ़े चार करोड़ की आबादी वाले स्पेन के लोग सबसे ज्यादा स्वस्थ रहते हैं।
जानकारी के अनुसार, स्पेन के सबसे स्वस्थ देश होने का कारण यहां के लोगों की खानपान की आदत को माना गया है। यहां के लोग कम वसा और कार्बोहाइड्रेट युक्त खाना खाते हैं, इसलिए ज्यादा सेहतमंद होते हैं।
वहीं, भारत का इस लिस्ट में 120वां स्थान है, जिसकी मुख्य वजह यह है यहां 50% भारतीयों का भोजन असंतुलित होता है और सरकार भी हर नागरिक की सेहत पर कम खर्च करती है।
कितना खर्च करती हैं स्पेन व भारत सरकार
ऑर्गनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट (ओईसीडी) के अनुसार, स्पेन की सरकार हर साल प्रति व्यक्ति के स्वास्थ्य पर 3,370 यूएस डॉलर (करीब 2,33,300 रुपए) खर्च कर रही थी, जबकि भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय की नेशनल हेल्थ प्रोफाइल की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार ने 2017-18 में प्रति व्यक्ति के स्वास्थ्य पर सिर्फ 1657 रुपए खर्च किए। स्पेन की सरकार हर नागरिक के स्वास्थ्य पर रोजाना करीब 650 रुपए खर्च करती है, जबकि भारत सरकार रोजाना हर नागरिक के स्वास्थ्य पर सिर्फ 4.50 रुपए का खर्च करती है।
अमेरिका खर्च में सबसे आगे
वहीं, अमेरिका इस मामले में सबसे आगे है। अमेरिका अपने नागरिकों की सेहत पर हर साल 10 हजार डॉलर से ज्यादा खर्च करता है, लेकिन इसके बाद भी खानपान और लाइफस्टाइल की आदतों के चलते वह इस लिस्ट में 35वें नंबर पर है।
महिलाएं ज्यादा अस्वस्थ
स्वास्थ्य मंत्रालय के सर्वे के मुताबिक, करीब 50% भारतीय असंतुलित डाइट लेते हैं। 2015-16 के नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के अनुसार, भारत में सिर्फ 47% महिलाएं ही रोजाना हरी सब्जियां खाती हैं। 37% महिलाएं हफ्ते में सिर्फ एक दिन हरी सब्जियां खा पाती हैं। सर्वे में सामने आया था कि 45% महिलाएं रोजाना दाल, दूध और दही ले पाती हैं जबकि हफ्ते में एक बार इन्हें खाने वाली महिलाएं 23% हैं। इसी तरह से सिर्फ 25% महिलाएं कभी-कभी डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करती हैं, जबकि 7% ऐसी हैं जिन्होंने अपने जीवन में कभी भी दूध-दही नहीं खाया।