Monday - 28 October 2024 - 10:45 AM

ट्रंप ने महाभियोग प्रक्रिया रोकने के लिए लिखा पत्र

न्यूज डेस्क

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरु होने वाली है। ट्रंप ने  प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी को पत्र लिखकर इस प्रक्रिया को रोकने के लिए है।

बुधवार को एक चर्चा के साथ ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरु होने वाली है। ट्रंप ने पेलोसी को लिखे पत्र में कहा है कि महाभियोग डेमोक्रेट सांसदों के शक्ति के अप्रत्याशित एवं असंवैधानिक दुरुपयोग को दर्शाता है। अमेरिका के विधायी इतिहास की लगभग ढाई शताब्दी में कभी ऐसा नहीं हुआ।

राष्ट्रपति ट्रंप ने हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी द्वारा पेश महाभियोग के अनुच्छेदों को संवैधानिक सिद्धांत, व्याख्या या न्यायशास्त्र के किसी भी मानक के तहत अयोग्य बताते हुए कहा कि इसमें किसी अपराध, दुष्कर्म का जिक्र नहीं है।

ट्रंप ने नैंसी पेलोसी को संबोधित करते हुए कहा कि ‘अवैध महाभियोग की प्रक्रिया शुरू कर आप अपने पद की शपथ का उल्लंघन करेंगी, आप संविधान के प्रति आपकी निष्ठा को खत्म कर रही हैं और आप अमेरिकी लोकतंत्र में खुले आम युद्ध की घोषणा कर रही हैं।’  ट्रंप ने कहा कि महाभियोग की इस प्रक्रिया की शुरुआत से अभी तक वह बुनियादी संवैधानिक अधिकार से वंचित रहे हैं।

मालूम हो कि अमेरिकी सांसद बुधवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर महाभियोग लाने के लिए ऐतिहासिक और बहुप्रतीक्षित मतदान करने वाला है।

ट्रंप के विरुद्ध पारित हो सकता है महाभियोग

अमेरिका में रूढि़वादी झुकाव रखने वाले डेमोक्रेटिक सांसदों ने एक-एक करके घोषणा की है कि वे इस सप्ताह राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ महाभियोग के लिए मतदान करने को तैयार हैं। डेमोक्रेट सांसदों का यह संकल्प बताता है कि बुधवार को कांग्रेस में महाभियोग पेश किया जाएगा और वह पारित भी हो जाएगा। ट्रंप अमेरिका के ऐसे तीसरे राष्ट्रपति होंगे जिनके विरुद्ध महाभियोग चलाया जाएगा।

गौरतलब है कि अमेरिका के इतिहास में अब तक किसी भी राष्ट्रपति को महाभियोग के बाद हटाया नहीं गया है। वॉटरगेट कांड में पूर्व राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई होती, लेकिन इससे पहले ही उन्होंने 1974 में इस्तीफा दे दिया।

इसके अलावा 1868 में एंड्रयू जॉनसन के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई की गई। उन पर आरोप था कि उन्होंने एक सरकारी अधिकारी को गैर कानूनी तरीके से बर्खास्त कर दिया था।

पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के खिलाफ 1998 में महाभियोग की कार्रवाई उस वक्त की गई थी, जब मोनिका लेवेंस्की ने यौन उत्पीडऩ के आरोप बिल क्लिंटन पर लगाए थे। उन्हें प्रतिनिधि सभा में मंजूरी मिली लेकिन सीनेट ने पद से नहीं हटाया।

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