सैय्यद मोहम्मद अब्बास
विश्व कप लगभग अब अंतिम चरण में पहुंच गया है। विश्व कप की दावेदारी में कई टीमें है। यदि एशिया की टीमों की बात करें तो भारत मजबूत दावेदार माना जा रहा है। लेकिन क्रिकेट जैसे खेल में भविष्यवाणी काम नहीं करती। क्रिकेट संभावनों से भरा खेल है। एक खिलाड़ी कुछ क्षणों में खेल का रूख बदल देता है। भारत इसलिए मजबूत दावेदार माना जा रहा है क्योंकि उसके पास ऐसे खिलाड़ी है जो मैच का रूख बदलने की क्षमता रखते हैं।
फिलहाल विश्वकप में भारतीय खिलाड़ी क्या करिश्मा करेंगे यह तो आने वाला समय बतायेगा, लेकिन विश्वकप में भारत की मजबूत दावेदारी पर शक नहीं किया जा सकता। भारत ने अब तक टूर्नामेंट में शानदार क्रिकेट का प्रदर्शन किया है। उसने पहले मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को पीटा उसके बाद उसने पाकिस्तान को अपना शिकार बनाया। हालांकि न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच बारिश की वजह से नहीं हो सका।
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शुक्रवार को टीम इंडिया ने एक बेहद रोमांचक मुकाबले में अफगान टीम को हराया। एक समय लग रहा था कि भारतीय टीम इस मुकाबले में हार जायेगी लेकिन कम स्कोर बनानेेे बावजूद टीम इंडिया ने गजब का खेल दिखाते हुए अफगान के सपनों पर ग्रहण लगा दिया। इस जीत के बाद ये बात साफ हो गई है टीम इंडिया विश्व कप जीत सकती है और एक चैम्पियन टीम की यही निशानी होती है।
आखिर क्यों है विश्व कप खास
चार साल बाद होने वाले क्रिकेट के इस महाकुंभ में दुनिया की नामी-गिरामी टीम विश्व कप पर अपना दावा पेश कर रही है। इंग्लैंड से लेकर ऑस्ट्रेलिया इस बार खिताब के लिए एंडी-चोटी का जोर लगा रही है, जबकि एशियाई टीमोंं सबसे बड़ा दावेदार भारत नजर आ रहा है। 1983 और साल 2011 विश्व कप जीतने वाली टीम इंडिया इस बार विराट कोहली की कप्तानी में एक बार फिर इंग्लैंड की धरती पर इतिहास रचने के इरादे से पहुंची है। वैसे तो टीम इंडिया के हौसले बुलंद है, लेकिन क्रिकेट में हौसलों के अलावा भी बहुत सारी चीजों की जरूरत होती है।
TEAM INDIA : आंकड़ो की नजर में
बात अगर टीम इंडिया की जाये इस बार बार विराट कोहली पर सबकी नजरे होगी। भारत के पास कुछ विश्व स्तरीय तेज गेंदबाज है जबकि बल्लेबाजी में उसका कोई सानी नहीं है। विराट, शिखर, रोहित और माही के होने से इसे दुनिया की सर्वश्रेठ टीमों की कतार में लाता है। टीम इंडिया वन डे की सबसे बड़ी टीमों में शुमार है। विश्व कप से पहले पिछली 10 वन-डे सीरीज पर नजर दौड़ायी जाये तो विराट सेना ने आठ में जीत का डंका बजाया है। इस दौरान भारत ने श्रीलंका (5-0), ऑस्ट्रेलिया (4-1), न्यूजीलैंड (2-1), साउथ अफ्रीका (5-1) जैसी टीमों को धूल चटाकर अपना लोहा मनवाया है। हालांकि उसे इंग्लैंड दौरे पर वन डे में शिकस्त का सामना करना पड़ा था जबकि हाल में ऑस्ट्रेलिया ने भारत दौरे में उसे पराजित किया था।
फिर भी टीम इंडिया विश्व की किसी भी टीम को झटका देने का माद्दा रखती है। भारत की दावेदारी इस तरह मजबूज होती दिख रही है क्योंकि उसके पास विश्व का नंबर एक बल्लेबाज विराट कोहली हैं तो वहीं विश्व के नंबर एक गेंदबाज बुमराह है। आंकड़ों के खेल में भी टीम इंडिया सबसे भारी दिख पड़ रही है। उसने दो सालों में 62 मैच खेले हैं और 43 मुकाबलों में जीत दर्ज की है। इसके साथ ही बड़ी टीमों के खिलाफ भारत का जीत का प्रतिशत अच्छा है। भारत के पास विराट, रोहित और केएल राहुल है, जो किसी भी गेंदबाजों की लय बिगाडऩे की कुवत रखती है।
पिछले दो सालों में इन तीनों बल्लेबाजों का प्रदर्शन शानदार रहा है। विराट ने 51 वन डे मुकाबलों में 3273 रन बनाये हैं जबकि रोहित शर्मा ने 53 मुकाबलों में 2879 रन बनाये है। वहीं गेंदबाजी के मामले में भारत अव्वल नजर आ रहा है। भुवी, बुमराह, शमी की तिकड़ी इंग्लैंड में काफी खतरनाक होने जा रही है। तीनों गेंदबाजों के लिए हालात माकूल नजर आ रहे हैं। दूसरी ओर उसके पास विश्व स्तरीय स्पिनर भी है।
कुलदीप यादव, चहल और जडेजा है जो किसी भी विकेट पर खतरनाक साबित हो सकते हैं। आलराउंडर की बात करें तो हार्दिक पांडया है,हालांकि चौथे नंबर पर किसको मौका दिया जायेगा ये कहना अभी जल्दबाजी होगी। कुल मिलाकर भारत अपने पूरे दम-खम के साथ खेलता है। तो तीसरी बार विश्व विजेता बनने से इसे कोई नहीं रोक सकता है।
विश्व कप में ये खिलाड़ी काट रहे जलवा
इस विश्वकप में धाकड़ बल्लेबाजों के साथ-साथ कातिलाना गेंदबाजों की लंबी कतार दिख रही है। ऑस्ट्रेलिया के पास डेविड वार्नर, फिंच और स्टीव स्मिथ है जो इस टूर्नामेंट में अपने बल्ले से कमाल कर रहे हैं तो भारत के पास विराट कोहली, रोहित शर्मा व शिखर धवन ने भी अपनी बल्लेबाजी का दम-खम दिखाया है।
इसी तरह से वेस्टइंडीज गेल के खेल पर निर्भर है, हालांकि उन्होंने अभी तक निराश किया है। जबकि कैरेबियाई आतंक में आंद्रे रसेल का बल्ला इस विश्व कप में कुंद नजर आ रहा है। इसके आलावा अनुभवी शाई होप भी करिश्मा कर रहे हैं।
इसके आलावा शिमरोन हेटमेयर, निकोलस पूरण और कार्लोस ब्रेथवेट भी किसी भी मैच में बाजी पलटते नजर आ रहे हैं। वहीं इंग्लैंड में मेजबान होने के नाते तगड़ा दावेदार है। पिछले विश्व कप में नाकाम होने वाली मेजबान टीम इस बार बेहतर तैयारी के साथ इस टूर्नामेंट में उतरी है।
उसने करीब ढाई साल में दो देशों की सीरीज गवायी नहीं है। दक्षिण अफ्रीका भी अच्छी तैयारी के साथ यहां पहुंची थी लेकिन उसकी हालत इस टूर्नामेंट में बेहद खराब है और एक बार फिर हारती नजर आ रही है।
जहां तक कमजोर टीमों की बात है तो बांग्लादेश इस फॉर्मेट में बड़ा उलटफेर करती दिख रही है। उसने पहले दक्षिण अफ्रीका और फिर वेस्टइंडीज को हराया। हालांकि उसने अन्य टीमों को भी कड़ी टक्कर दी है। न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी उसका प्रदर्शन अच्छा था। दूसरी ओर सेमीफाइनल में उसके पहुंचने की संभावना थोड़ी कम लग रही है।