न्यूज डेस्क
महाराष्ट्र सरकार ने लॉकडाउन के बीच चीनी मिल के एक लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों को अपने-अपने गांव लौटने की इजाजत देने का फैसला किया है। लेकिन पहले उनकी कोरोना की जांच कराई जाएगी। राज्य के सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे ने यह जानकारी दी।
मंत्री के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि 1.31 लाख चीनी मिल मजदूर राज्य में 38 चीनी मिलों के परिसरों में बने अस्थायी आवास में रह रहे हैं, जबकि कई अन्य मजदूर दूसरे स्थानों पर फंसे हुए हैं। हालांकि, इन प्रवासी मजदूरों को अपने गांव लौटने की इजाजत देने से एक जिले से दूसरे जिले में भारी संख्या में लोगों की आवाजाही होगी।
Major decision by @CMOMaharashtra. It has allowed 1.31 lakh stranded sugar cane cutters to return back their native places. Workers were feeling depressed & wanted to go back to their native. District collector will execute the further travel plan.@dhananjay_munde pursued it.
— Sudhir Suryawanshi (@ss_suryawanshi) April 17, 2020
मुंडे ने ट्वीट में कहा कि चीनी मिलों में काम करने वाले मेरे भाइयों, आपके लिए एक अच्छी खबर है! आप अब अपने गांव लौट सकते हैं। सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। सरकार के इस फैसले से बीड और अहमदनगर के मजदूरों को फायदा होगा जो पश्चिमी महाराष्ट्र, कर्नाटक से लगे सीमावर्ती क्षेत्रों और राज्य के अन्य हिस्सों में फंसे हुए हैं। बयान में कहा गया है कि चीनी मिल के मालिकों को इन मजदूरों और उनके परिजनों की जांच करानी होगी।