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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में रविवार को इण्डिया पावर इन्जीनियर्स फेडरेशन की राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक बुलाई गयी है। इस बैठक में देश के लगभग 20 प्रान्तों के बिजली अभियन्ता संघों के अध्यक्ष एवं महामंत्री सम्मिलित होंगें। बैठक में बिजली सेक्टर एवं बिजली कर्मियों से जुड़े मामले राजनीतिक दलों के घोषणा पत्र में लाये जाने हेतु कार्य योजना तय की जायेगी।
ऑल इण्डिया पावर इन्जीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने बताया कि बैठक इस उद्देश्य से बुलाई गयी है कि बिजली सेक्टर एवं बिजली कर्मचारियों व अभियंताओं से जुडे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय हित के सवालों को लोकसभा के चुनाव के पहले प्रधानमंत्री और अन्य प्रमुख राजनीतिक दलों के संज्ञान में लाया जा सकें।
उन्होंने बताया कि इस बाबत फेडरेशन, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष, राहुल गांधी और अन्य प्रमुख राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को पहले ही पत्र भेजकर मांग कर चुकी है कि ऊर्जा क्षेत्र व कर्मचारियों से जुड़े मामलों को वे अपने घोषणा पत्र में सम्मिलित करें।
चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने बताया कि पावर इन्जीनियर्स फेडरेशन की मुख्य मांग है कि बिजली निगमों का एकीकरण कर राज्य विद्युत परिषद निगम लि0, की पुनर्स्थापना की जाये, इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 की पुनर्समीक्षा की जाये व बिजली के निजीकरण की नीति पूरी तरह समाप्त की जाये,सभी बिजली कर्मचारियों के लिए पुरानी पेन्शन प्रणाली बहाल की जाये और संविदा कर्मियों को नियमित किया जाये।